अर्चना कुमारी। भारत सरकार ने इजरायल पर हमास के हमले के बाद बिना हमास की निंदा किए इजरायल से सहानभूति प्रकट की है लेकिन इजराइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध में इस्लामी विचारधारा के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र फिलिस्तीन के समर्थन में सड़क पर उतर आए। वह फिलिस्तीन के लोगों की आजादी की मांग कर रहे थे।
मुस्लिम छात्रों का कहना था कि फिलिस्तीन के लोगों पर जुल्म किया जा रहा है। यह मानवाधिकार का हनन है। लेकिन इन छात्रों ने हमास द्वारा किए गए बर्बरता पर कुछ नही बोला। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने खूब नारे लगाए। वह चिल्ला रहे थे कि नारा-ए-तकबीर…अल्लाह हु अकबर। एएमयू स्टैंड विद फिलिस्तीन, स्टे फ्री फिलिस्तीन।
एएमयू के छात्र कह रहे थे कि एएमयू फिलिस्तीन के साथ खड़ा है।ज्ञात हो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्रों ने फिलिस्तीन के समर्थन में अल्लाह हु अकबर के नारे लगाए। रविवार शाम छात्रों ने पैदल मार्च निकाला। फिलिस्तीन को आजाद करने की मांग उठाई। रविवार देर शाम एएमयू के डक पॉन्ड से बाब-ए-सैयद तक यह मार्च निकाला गया।
मौजूद छात्रों ने कहा कि एएमयू फिलिस्तीन के साथ खड़ा है। फिलिस्तीन के लोग आजादी मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें आजादी नहीं दी जा रही है। फिलिस्तीन के लोगों पर जुल्म किया जा रहा है। मानवाधिकार का हनन हो रहा है। इन लोगो ने पुलिस की मौजूदगी में विवादित नारे लगाए। सवाल उठा है इनलोगो को नारे लगाने की अनुमति कैसे दी गई जबकि प्रदर्शन की अनुमति ली गई थी या नहीं।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इजरायल पर आतंकवादी हमले से भारत चिंतित है। उन्होंने कहा कि हम इजरायल के लोगों के साथ खड़े हैं।इस संबंध में प्रॉक्टर प्रो. मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि छात्रों ने पैदल मार्च निकाला है, लेकिन कोई भी ज्ञापन नहीं सौंपा है।