अर्चना कुमारी। बिहार पुलिस का घिनौना और अमानवीय चेहरा उस वक्त सामने आया जब मुजफ्फरपुर के फकुली कुढ़नी पुलिस ने हाजीपुर मुजफ्फरपुर नेशनल हाइवे पर दुर्घटना में मृत व्यक्ति के डेड बॉडी को उठाकर नहर में फेंक दिया। बताया जाता है, ढोढी नहर पुल के निकट एक व्यक्ति को सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी, लेकिन पुलिस ने उसे अस्पताल में पोस्टमार्टम के बजाय नहर में फेंक दिया।
भला हो उसका जिसने पुलिस के इस अमानवीय कृत्य का वीडियो बना, सोशल मीडिया में डाला जो वायरल हो गया। मानवता को शर्मसार करने वाला यह दृश्य फकुली ओपी के मुजफ्फरपुर पुलिस के द्वारा किया गया। अबतक मरने वाले की पहचान नहीं हुई। यह खबर जब पता चला तो फकूली ओपी प्रभारी ने डेड बॉडी को नहर से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पुलिस की शर्मनाक करतूत कैमरे में कैद हो गई है और उन पुलिसकर्मी पर करवाई होनी चाहिए जो इस करतूत में शामिल हुए थे। ज्ञात हो ये पहला मामला नहीं , पटना सिटी में दो मजदूरों की पानी भरे गड्ढे में गिरने से मौत हुई थी. जिसके बाद पुलिसवालों के सामने शवों को ठेले पर ऐसे ले जा रहे थे।
कारनामों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाली बिहार पुलिस संवेदनहीनता की सारी हदों को पार कर रहे है क्योंकि मामला उजागर होने पर भी उनके खिलाफ करवाई नहीं होती। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने जो दलील दी है उसके ऊपर भी सवाल उठ रहे हैं।जिला पुलिस आरोपियों पर करवाई की बजाय कुतर्क कर रहा है।
हालांकि इस वायरल वीडियो के सत्यता क्या है इसकी पुष्टि हम नहीं करते लेकिन जो दोषी है,उस पर तो करवाई होनी चाहिए। मुजफ्फरपुर एसएसपी की तरफ से जारी किए गए जानकारी में कहा गया है कि 8 अक्टूबर को फकुली ओपी अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मौत की सूचना मिली थी।इस तरह की सूचना मिलते ही ओपी प्रभारी तत्काल मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर उसके सुरक्षित हिस्से को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया।
पुलिस ने दलील दी है कि हादसे के बाद शव के बुरी तरह से चिपके हुए हिस्से, कपड़े आदि को पास के नहर में प्रवाहित किया गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की जांच कराई जा रही है और सत्यता पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।लेकिन क्या पुलिस को किसी के शव के हिस्से को बिना उसके परिजनों की अनुमति और बिना जांच प्रवाहित करने का अधिकार है।