डॉ भीमराव अंबेडकर के पोते तथा बरिपा बहुजन महासंघ के राष्ट्रीय नेता प्रकाश आंबेडकर ने ‘टाइम्स नाउ’ चैनल के एक पत्रकार को छह महीने में मोदी सरकार गिराने और उसके बाद पत्रकारों को देख लेने की धमकी दी है! अब सवाल उठता है कि क्या माओवादी द्वारा भीमा कोरेगांव हिंसा की आड़ में पूरे देश में अराजकता फैलाने में कहीं प्रकाश आंबेडकर भी तो शामिल नहीं? ये लोग केंद्र सरकार को गिराने के षड्यंत्र में शामिल तो नहीं हैं?
भीमा कोरेगांव दलित आंदोलन की आड़ में माओवादियों द्वारा हिंसा भड़काने और उत्पात मचाने की जांच के बाद पुणे पुलिस ने गिरफ्तार पांच माओवादी आतंकवादियों तथा उससे मिली सामग्री के आधार पर खुलासा किया है कि ये लोग देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने की योजना बना रहे थे। पीएम को मारने की योजना वाली चिट्ठी में माओवादी R (संभवतः रोना विल्सन) ने जिस कॉमरेड प्रकाश को संबोधित किया है, वह कहीं संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर का पोता प्रकाश आंबेडकर तो नहीं है? क्योंकि ‘टाइम्स नाउ’ ने इसे लेकर ही सवाल किया था कि ‘आपका कहीं माओवादियों से संबंध तो नहीं?’ इसी पर भड़कते हुए प्रकाश अंबेडकर ने मोदी सरकार के छह महीने में गिरने की बात कहते हुए चैनल के पत्रकार को धमकाया था? गौरतलब है कि R द्वारा प्रकाश को संबोधित पत्र में भी मोदी-राज के खात्मे की बात ही लिखी गयी है! 18 अप्रैल 2017 को कॉमरेड प्रकाश को R (संभवतः रोना विल्सन) द्वारा लिखे गये पत्र में कहा गया है-
कॉमरेड किशन एवं अन्य वरिष्ठ कॉमरेड ने बेहद मजबूत योजना बनाई है, जिससे मोदी-राज का खात्मा किया जा सकता है। हमें राजीव गांधी की हत्या जैसी घटना को फिर से से दोहराने की जरूरत है। वैसे तो यह योजना आत्मघाती लगती है और इसमें हमारे फेल होने की संभावना ज्यादा है, लेकिन पार्टी को हमारे प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उसे मारने के लिए रोड शो प्रधानमंत्री मोदी का रोड शो सबसे कारगर तरीका हो सकता है। हमारा विश्वास है कि हम सबके बलिदान से बड़ी हमारी पार्टी का वजूद है।
मुख्य बिंदु
*प्रकाश अंबेडकर ने टाइम्स नाउ के पत्रकार को सरेआम गाली देकर धमकाया
*छह महीने के अंदर केंद्र की मोदी सरकार गिराने के साथ देख लेने की दी है धमकी
मालूम हो कि इस मामले में पुणे पुलिस ने कई सारे खुलासे किए हैं। पुलिस ने इस आंदोलन को कांग्रेस द्वारा फंड किए जाने का भी खुलासा किया है। देश के अलग-अलग जगहों पर मारे गए छापे के दौरान पुलिस को जो सामग्री मिली है उससे यह भी खुलासा हुआ है कि प्रकाश आंबेडकर की साठगांठ माओवादियों के साथ रही है। इस मामले में जब ‘टाइम्स नाउ’ के पत्रकार ने उनका वर्जन लेना चाहा तो प्रकाश आंबेडकर उनसे गाली गलौज पर उतर आए। साथ ही छह महीने में मोदी सरकार के गिरने और फिर उसके बाद पत्रकार व मीडिया को देख लेने की धमकी भी दिया।
प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि ये सरकार छह महीने भी नहीं टीक पाएगी, इसके बाद हम आपको बता देंगे। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि हम आपको सब बता सकते हैं! प्रकाश अंबेडकर ने पत्रकार को इस लहजे में धमकी दी कि चैनल वालों को बीप कर दिखाना पड़ा है। उनकी सड़क छाप भाषा से लगता ही नहीं है कि वे हमारे संविधान निर्माता डॉ भीमराव आंबेडकर के पोते हैं?
किसी लोकतांत्रिक सरकार को इस प्रकार अलोकतांत्रिक तरीके से षड्यंत्र कर गिराना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे में अब जब खुद प्रकाश आंबेडकर ने धमकी दी है कि वह छह महीने में सरकार को गिरा देंगे, तो फिर प्रशासन को उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। वैसे भी पुणे पुलिस की जांच में यह खुलासा हो चुका है कि माओवादियों के साथ इनकी साठगांठ रही है। भीमा कोरेगांव हिंसा तथा देश में अराजकता उत्पन्न करने में इनकी संलिप्तता सामने आई है। ऐसे में इनके खिलाफ ठोक कार्रवाई की जानी चाहिए।
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