अर्चना कुमारी। किसान आंदोलन का कोई हल तो नही निकल रहा लेकिन इस बीच शंभू बॉर्डर पर तैनात एक और पुलिसकर्मी कौशल कुमार का मंगलवार को निधन हो गया। बताया जाता है ड्यूटी के दौरान अचानक कौशल कुमार की तबीयत खराब हुई, जिसके बाद उन्हें अंबाला के सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इस घटना पर पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा की शान्ति के लिए कामना की। हरियाणा पुलिस का कहना है ईएसआई कौशल कुमार की ड्यूटी किसान आंदोलन के दौरान घग्गर नदी के पास पुल के नीचे लगाई गई थी। वे करीब 56 वर्ष के थे।
वे जिला यमुनानगर में गांव कांजीवास के रहने वाले थे और थाना छप्पर में ईएसआई के पद पर कार्यरत थे। उनकी मृत्यु के समाचार से हरियाणा पुलिस और उनके परिजनों में शोक का माहौल है। एक अधिकारी ने बताया कौशल कुमार सदैव अपनी ड्यूटी को पूरी गंभीरता व समर्पण भाव के साथ करते थे। वे अपने सहयोगी पुलिसकर्मियों के लिए प्रेरणास्रोत थे।
अपनी सर्विस के दौरान उन्होंने कई सराहनीय व उदाहरणात्मक कार्य किए। उनका अचानक दुनिया छोड़कर जाना हरियाणा पुलिस के लिए अपूरणीय क्षति है।ज्ञात हो 16 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर तैनात जीआरपी के सब-इंस्पेक्टर हीरालाल की भी अचानक तबीयत खराब होने से मृत्यु हो गई थी। किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा पुलिस के यह दूसरे पुलिसकर्मी है जिनकी शंभू बॉर्डर पर ड्यूटी के दौरान मृत्यु हुई है।
इन दोनों पुलिसकर्मियों की मृत्यु हरियाणा पुलिस के लिए बहुत ही दुखद है।इसके अलावा शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में पहुंचे बटाला (गुरदासपुर) के गांव चाचोके के एक किसान ज्ञान सिंह (70) की शुक्रवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।इस बुजुर्ग किसान ने सरकारी राजिंदरा अस्पताल में दम तोड़ा था।
किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि आंसू गैस के गोले के धुएं के कारण उनकी तबीयत खराब हुई थी।ज्ञान सिंह के संतान नहीं है और उनकी पत्नी की भी कुछ समय पहले ही मौत हो चुकी है। वर्तमान में वह अपने भाई के साथ रह रहे थे।इस आंदोलन में एक और किसान की मौत हो चुकी है।