घड़ा पाप का फूट रहा है , सुप्रीम – कोर्ट तक पीट रहा है ;
राम के नाम को बेचने वाला , इसका जादू टूट रहा है ।
कितना मूर्ख बनेगा हिंदू ? इसका क्या पैमाना है ?
आखिर कभी तो जागेगा ही , कभी तो समय आना है ।
लगता है अब समय आ गया , अब्बासी-हिंदू के जाने का ;
बस सारे हिंदू ! जाग जाये तो , इसको मार भगाने का ।
एक-एक कर पोल खुल रही , पूरा – नंगा हो जायेगा ;
चरित्रवान जो भी है हिंदू , इसका त्याग कर जायेगा ।
ना खाऊँग , ना खाने दूँगा , सबसे – झूठा नारा है ;
इसके आगे सारे बौने , नारों का अंतिम किनारा है ।
कीर्तिमान है भ्रष्टाचार का , कानून बनाकर करी डकैती ;
सबकी चोरी लगती फीकी , सबसे बड़ी है यही बकैती ।
अब भी यदि हिंदू ! न जागा तो , मरने की तैयारी कर ले ;
धन – दौलत सब धरी रहेगी , अपना गला कटाके मर ले ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , अपना जीवन सफल बनाओ ;
भेड़-बकरी सा जीवन त्यागो , शेर-वृत्ति तुम सब अपनाओ !
मानसिकता मुर्गी सी जिसकी , उस हिंदू को कटना है ;
शेर-वृत्ति है जिस हिंदू की , शान से जीवन कटना है ।
हिंदू ! शान से जीना सीखो , जान-माल-सम्मान बचाओ ;
कानून-व्यवस्था परमावश्यक, अब अच्छी-सरकार बनाओ ।
अच्छी-सरकार बनाना होगा , सत्यनिष्ठ दल लाना होगा ;
ऐसा केवल एक ही दल है , हर-सूरत में लाना होगा ।
“एकम् सनातन भारत” दल ही , पूरा – खरा कसौटी पर ;
चौबीस-कैरेट का सोना है ये , बलिदान देश की माटी पर ।
चुनाव आयोग से पंजीकृत है , अखिल भारतीय है ये दल ;
धर्म बचाने का दृढ़-निश्चय , सर्वश्रेष्ठ भारत का दल ।
आम – चुनाव आने वाला है , लड़ेगा ये पूरे भारत से ;
बस सहयोग करें सब हिंदू ! अधर्म मिटेगा भारत से ।
यमन – म्लेच्छ जो चढ़े हैं सर पर , धरती पर आ जायेंगे ;
वामी,कामी, जिम्मी ,सेक्युलर , अब्बासी-हिंदू पिट जायेंगे ।
नाम रहेगा अब प्रताप का , अकबर का हट जायेगा ;
सच्चा-इतिहास बने भारत का , झूठा सब मिट जायेगा ।
कानून का शासन,न्याय का शासन,धर्म का शासन आयेगा ;
जिसकी नहीं कल्पना की थी , “राम-राज्य” वो आयेगा ।