22 फरवरी, 2023 को, संयुक्त राज्य कैलाश की महिला प्रतिनिधियों ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में “निर्णय लेने वाली प्रणालियों में महिलाओं के समान और समावेशी प्रतिनिधित्व” पर एक सामान्य चर्चा में भाग लिया।

अपने 84वें सत्र में, महिलाओं के विरुद्ध भेदभाव उन्मूलन समिति ने सभी प्रकार के भेदभावों के उन्मूलन पर कन्वेंशन के ढांचे के भीतर “निर्णय लेने वाली प्रणालियों में महिलाओं के समान और समावेशी प्रतिनिधित्व” पर सामान्य चर्चा का आधे दिन का आयोजन किया। आधे दिन की आम चर्चा ओएचसीएचआर द्वारा आयोजित की गई थी।

इस अर्ध दिवसीय सामान्य चर्चा का उद्देश्य निर्णय लेने वाली प्रणालियों में महिलाओं के समान और समावेशी प्रतिनिधित्व पर एक सामान्य सिफारिश की समिति द्वारा विस्तार तैयार करना था। सामान्य अनुशंसा का उद्देश्य कन्वेंशन के पक्षकारों को उन उपायों पर मार्गदर्शन प्रदान करना है, जिन्हें उन्हें निर्णय लेने की प्रणाली में समान और समावेशी प्रतिनिधित्व के लिए महिलाओं के मानवाधिकारों का सम्मान, सुरक्षा और पूर्ति करने के अपने दायित्वों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अपनाना चाहिए।

संयुक्त राज्य कैलाश प्रथम संप्रभु राष्ट्र है जहां 2 अरब हिंदू बिना किसी ग्लानि के रह सकते हैं और अपनी प्रबुद्ध, स्वदेशी परंपराओं और जीवन शैली का उत्सव मना सकते हैं। हिंदू धर्म के सर्वोच्च धर्माध्यक्ष (एसपीएच) भगवान नित्यानंद परमशिवम, जिन्हें 21 प्राचीन स्वदेशी हिंदू साम्राज्यों के सम्राट के रूप में नियुक्त किया गया है, हिंदू धर्म को पुनर्जीवित कर रहे हैं, प्रबुद्ध हिंदू सभ्यता जिसमें 10,000 अद्वितीय परंपराएं शामिल हैं, जिसमें महिलाओं के नेतृत्व वाली परंपराएं शामिल हैं, जैसे कि शाक्त परंपरा।
संयुक्त राष्ट्र में, कैलाशा की महिलाओं ने सर्वप्रथम परमशिव और पराशक्ति की मूर्तियों की पूजा की – पराशक्ति, दैवीय स्त्रैण चेतना परमशिव, आदिम हिंदू देवत्व की पत्नी हैं – और एसपीएच भगवान नित्यानंद परमशिवम की मूर्ति की पूजा की सम्मेलन कक्ष को अनुगृहित कर रहे थे।
महिलाओं के खिलाफ भेदभाव उन्मूलन समिति के 84वें सत्र की शुरुआत से पहले कैलाश की महिलाओं ने एसपीएच का आशीर्वाद लिया। इस कार्यक्रम में कैलाश के प्रतिनिधिमंडल में महामहिम माँ विजयप्रिया नित्यानंद, संयुक्त राष्ट्र में कैलाश की स्थायी राजदूत, माँ मुक्तिका आनंद, कैलाश लॉस एंजिल्स की प्रमुख, माँ सोना कामत, कैलाश सेंट लुइस की प्रमुख, माँ नित्य आत्मदायकी, कैलाश यूके की प्रमुख, मा नित्य वेंकटेशानंद, कैलाश फ्रांस की प्रमुख और कैलाश स्लोवेनियाई की प्रमुख मा प्रियप्रेमा नित्यानंद सम्मिलित हुईं।

संयुक्त राष्ट्र में कैलाश की स्थायी राजदूत, श्रीकैलाश सार्वभौम राज्य (सर्वाधिक प्राचीन हिंदू मठवासी संप्रदाय) की दीक्षित सन्यासी ने हिंदू धर्म के सर्वोच्च धर्माध्यक्ष (एसपीएच) भगवान नित्यानंद परमशिवम, कैलाश संयुक्त गणराज्य के संप्रभु शासक का एक संदेश उनकी ओर से प्रस्तुत किया। इस संदेश मे नेताओं और निर्णयकर्ताओं के रूप में महिलाओं को सशक्त बनाने में कैलाश की सफलता पर प्रकाश डाला गया था।
आज भी, पाँच क्षेत्रों में 82% प्रतिशत महिला सांसदों ने किसी न किसी रूप में मनोवैज्ञानिक हिंसा का सामना किया है, जिसमें सेक्सिस्ट या अपमानजनक यौन हावभाव, चित्र, और टिप्पणी, धमकियाँ और मौबिंग शामिल है। इनमें से लगभग 44% महिलाओं को अपने या अपने परिवार के लोगों को जान से मारने, बलात्कार, हमले या अपहरण की धमकियाँ मिलीं। 31 देशों मे कम से कम 2 करोड़ महिलाओं और लड़कियां महिला जननांग विकृति का शिकार हुई हैं जहां यह प्रथा केंद्रित है।
कैलाश की महिला प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र में हिंदू महिलाओं के लिए एक आवाज के रूप में आईं, तथा अन्य देशों के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों, सचिवालयों और समिति की अध्यक्ष के साथ बैठक कर उनके साथ कैलाश की सफलता और संसार की समस्याओं के सापेक्ष हिंदू समग्र समाधानों को साझा किया। कैलाश के प्रतिनिधिमंडल ने कैलाश के संविधान की प्रस्तावना – भगवद गीता – भी गणमान्य व्यक्तियों को प्रदान की।

22 फरवरी, 2023 वैदिक नारीवाद® को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण क्षण था। सर्वोच्च स्त्री चेतना, पराशक्ति की हिंदू धर्म की अद्वितीय पूजा, महिलाओं के लिए उच्च सम्मान और स्थिति को प्रदर्शित करती है। आने वाली पीढ़ियों के लिए विश्व स्तर पर महिलाओं के लिए सच्चे सशक्तिकरण, सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए, कैलश की प्रबुद्ध हिंदू सभ्यता को पुनर्जीवित करना अनिवार्य है। इसलिए, एसपीएच और कैलाश को प्रताड़ित करने वालों को उत्तरदाई ठहराना और उनके कृत्यों को रोकना आवश्यक है।
We would like to issue a clarification regarding my statement at the United Nations that is being misinterpreted, willfully manipulated, and distorted by certain anti-Hindu sections of the media.
I would like to clarify that I stated that the Supreme Pontiff of Hinduism (SPH) Bhagavan Nithyananda Paramashivam is persecuted in his birthplace by certain anti-Hindu elements.
The United States of KAILASA holds India in high regard and respects India as its Gurupeedam. Our concern is solely directed towards those anti-Hindu elements who are constantly waging war on SPH and KAILASA.
We urge the Indian government to take action against these anti-Hindu elements who continue to attack and incite violence against The SPH and KAILASA. It is important to note that these actions do not reflect the values or beliefs of the vast majority of the Indian population.
We request the Indian government to take swift and decisive action against the anti-Hindu elements who persistently incite violence against The SPH and KAILASA. It is imperative that the Indian government employs effective measures to put an end to their systematic and strategic activities and safeguard the well-being and security of all concerned.
We hope that this clarification statement helps provide a clearer understanding of the United States of KAILASA’s position on the matter.
Thank you
Ma Vijayapriya Nithyananda
KAILASA’s Permanent Ambassador to the United Nations.