अर्चना कुमारी। कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र सरकार ने विधेयक क्या वापस कर दी और अब आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए 17 मामलों को वापस लेने की मंजूरी दे दी गई है। बताया जाता है कि इनमें गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से संबंधित एक मामला भी शामिल है। जबकि सूत्रों का कहना है कि ऐसा आदेश उपराज्यपाल के कार्यालय द्वारा भेजी गई और इस पर मामलों से संबंधित फाइल को कानून विभाग की राय लेने के बाद मंजूरी दी गई। बताया जाता है कि इस तरह के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने नवंबर 2020 से दिसंबर 2021 के दौरान दर्ज किए गए करीब 54 मामलों में से 17 को वापस लेने का फैसला किया । दावा किया गया है कि
इसमें करीब 200-300 प्रदर्शनकारियों और 25 ट्रैक्टरों के लाहौरी गेट के जरिये लाल किले पहुंचने का मामला भी शामिल है, जिसके चलते टिकट काउंटरों और सुरक्षा जांच उपकरणों को नुकसान हुआ था। इसके अलावा ट्रैक्टरों पर सवार होकर उत्तर प्रदेश के लोनी से दिल्ली में प्रवेश करने वाले किसानों के खिलाफ उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ज्योति नगर पुलिस थाने में एक मामला दर्ज किया गया था।
आरोप है कि उन किसानों ने पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डाली और उन पर हमला किया। वापस हुए अधिकांश मामले सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक चले किसान आंदोलन के दौरान कोविड-19 नियमों और दिशा-निर्देशों के उल्लंघन से संबंधित हैं। गौरतलब है कि केंद्र ने नवंबर 2020 से दिसंबर 2021 के बीच प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की संयुक्त किसान मोर्चा की मांग पर भी सहमति जताई थी। इसके बाद इस तरह का निर्णय लिया गया