अर्चना कुमारी। स्पेशल सेल ने मुताबिक गिरफ्तार आईएस आतंकी अरशद वारसी दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा है। अरशद ने बताया कि वह आईएसआईएस से बेहद प्रभावित रहा है और कॉलेज के दिनों में ही आईएसआईएस के विभिन्न ट्विटर अकाउंट और आईएसआईएस विचारधारा को मानने वाले चैनलों को फॉलो करना शुरू कर दिया था।
इन दिनों इस्लामी सिद्धांतों पर पीएचडी जामिया मिलिया विविद्यालय से तो कर रहा था लेकिन उसकी साल 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में बड़ी भूमिका बताई जाती है। पुलिस ने बताया अरशद वारसी और शरजील इमाम दोनों ने मिलकर दिल्ली दंगों के लिए जमीन तैयार की थी और दोनो ने देश को कई हिस्से में टुकड़े करने की खौफनाक प्लान बनाया था।
इमाम तो पकड़ा गया लेकिन अरशद अपने मंसूबे को अंजाम देने की कोशिश लगातार करता रहा है। खुलासा हुआ है अरशद वारसी पूर्व में सीएए विरोध के दौरान प्रोटेस्ट करते हुए दिल्ली में हुए दंगों की साजिश रचा और शाहीनबाग प्रोटेस्ट साइट को खड़ा करने में वह भी एक सूत्रधार रहा था।
पुणे पुलिस कस्टडी से फरार 3 लाख के इनामी मोस्ट वांटेड आतंकी शाहनवाज को दिल्ली में पनाह दिलवाने वाला भी अरशद वारसी ही था। अरशद वारसी से पूछताछ के बाद ही मोस्ट वांटेड आतंकी शाहनवाज तक दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल पहुंची और तीनो आतंकी को पकड़ा गया लेकिन अरशद ने बताया है की वो इन दिनों देश में 26/11 से बड़ा हमला करने की साजिश रच रहा था।
सनद रहे दंगो की साजिश को लेकर स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी और दंगो साजिश को लेकर की गई जांच के दौरान अरशद वारसी का नाम भी सामने आया था ,जिसका जिक्र चार्जशीट में भी किया गया है। दावा किया गया है अरशद दंगा के दौरान वाट्सअप ग्रुप बनाए जाने के अलावा सोशल मीडिया के जरिए दंगे भड़काने के लिए हरसंभव कोशिश की थी। उसके संपर्क इमाम,खालिद,तन्हा और अन्य दंगाई से भी रहे है। इस बारे में जांच एजेंसी उससे पूछताछ कर रही है।