अर्चना कुमारी। दिल्ली पुलिस द्वारा दवोचे गए शाहनवाज आलम , रिजवान तथा अरशद कॉलेज के दिनों से आईएसआईएस की विचारधारा से बेहद प्रभावित थे और आईएसआईएस की अवधारणाओं से जुड़े विभिन्न ट्विटर अकाउंट और आईएसआईएस विचारधारा को मानने वाले समाचार चैनलों को फॉलो करना शुरू कर दिया था।
खुलासा हुआ है इनका सोशल मीडिया के जरिए जिहाद के लिए ब्रेनवाश हुआ था। तीनों आतंकी घंटों यू-टूयूब , फेसबुक तथा टेलीग्राम के जरिए इस्लामी कट्टरपंथी विचारधारा के लिए प्रसिद्व मौलानाओं के तकरीर सुनते थे। अक्षरधाम मंदिर हमले का आरोपी फरहतुल्ला इनके लिए रोल मॉडल और कमांडर था। शाहनवाज आलम पांच भाई बहनों में सबसे बड़ा है और उसने हजारीबाग के सेंट जेवियर स्कूल से प्रारंभिक पढाई की थी।
राधा गोविंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल, हज़ारीबाग़ से अपनी 12वीं कक्षा पूरी करनके बाद वह कोटा गया और बाद में जब नागपुर से बी टेक किए जाने के बाद वह जब प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने में जुटा था। उस दौरान वह सोशल मीडिया के जरिए इस्लामी कटटर पंथियों के संपर्क में आया था। वह दिल्ली में रहने के दौरान सोशल मीडिया पर घंटों इस्लामी व्याख्यान सुनता था। अरशद ने बताया कि वह आईएसआईएस से प्रभावित था और कॉलेज के दिनों में ही आईएसआईएस के विभिन्न ट्विटर अकाउंट और आईएसआईएस विचारधारा को मानने वाले चैनलों को फॉलो करना शुरू कर दिया था।
वह इन दिनों इस्लामी सिद्धांतों पर पीएचडी जामिया मिलिया विविद्यालय से कर रहा था। खुलासा हुआ है कि शाहनवाज व रिजवान हिजरत के लिए जाना चाहते थे और हिजरत के लिए धन इकट्ठा करने के लिए वे दोनों पहले अपराध और बाद में आतंकी क्रिया कलाप में शामिल हो गए थे। शाहनवाज को वर्ष 2019 में डकैती और चोरी के कई मामलों में झारखंड के हजारीबाग में गिरफ्तार किया गया था । शाहनवाज और अरशद की तरह रिजवान का भी ब्रेनवाश सोशल मीडिया के जरिए हुआ।
उसने आईएसआईएस के पाक स्थित हैंडलर से संपर्क होने के बाद पश्चिमी घाट में अपने रहने के लिए उपयुक्त ठिकाने खोजने और वहां एक आधार स्थापित करने के लिए लवासा महाबलेर, गोवा, हुबली, कर्नाटक में सरस्वती वन्यजीव क्षेत्र, उडुपी, केरल, वलसाड वन्यजीव अभयारण्य, नल्लामाला पर्वत श्रृंखला, चंदौली का दौरा किया था।
इसके अलावा उसके साथी शाहनवाज ने आईईडी लगाने और बम धमाकों के लिए मुंबई, सूरत, वडोदरा, गांधीनगर और अहमदाबाद में भीड़भाड़ वाले स्थानों, वीआईपी राजनीतिक नेताओं के मार्गों भी रेकी की थी। तीनों आंतकियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने बम धमाके के लिए कई मुस्लिम युवाओं को अपने नेटवर्क से जोड़ा था और इसके लिए यूपी , उततरांखड व झारखंड का दौरा किया था। इनलोगों ने बम धमाकों का परीक्षण राजस्थान और उत्तराखंड करने की बात कबूल की है।