वैसे तो आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अराजक तो पहले से ही हैं लेकिन अब उन्होंने शहरी माओवादियों की राह पकड़ ली है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, गोपाल राय और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कल से ही दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के निवास पर धरने पर बैठे हैं लेकिन योजना उनकी इससे ज्यादा खतरनाक है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार ‘पूर्ण राज्य’ की मांग का दिखावा करते हुए हिंसा और तोड़फोड़ करने के साथ पूरी दिल्ली में अराजकता फैलाने की योजना बनाई हुई है। अपनी योजना को अंजाम देने के लिए ही केजरीवाल ने आज हरियाणा से लोगों को दिल्ली बुलाया हुआ है।
– CBI ने जल बोर्ड और मोहल्ला क्लीनिक घोटालें जांच शुरू की उसी दिन से केजरीवाल को 'पूर्ण राज्य' की याद आई
– घोटालों की जांच और CS पर हमले की चार्जशीट के डर से आक्रामक हुए
– दिल्ली में हिंसा और तोड़फोड़ की योजना
– आज हरियाणा से बुलाये हैं लोग@rajnathsingh@CPDelhi
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 12, 2018
मुख्य बिंदु
* पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा तो क्या केजरीवाल दिल्ली का काम करेंगे ही नहीं ?
* रोड, पानी, अस्पताल, स्कूल व प्रदुषण रोकने के लिए पूर्ण राज्य की क्या जरूरत है?
* डोर स्टेप राशन डिलीवरी की फाइल तीन महीने से एलजी के पास वापस आई ही नहीं
आखिर क्या वजह है कि इतने दिनों तक केजरीवाल को पूर्ण राज्य की बात याद नहीं रही लेकिन जैसे ही सीबीआई ने जल बोर्ड और मोहल्ला क्लिनिक घोटाले की जांच शुरू उन्हें दिल्ली को पूर्ण राज्य दिलाने की याद इस कदर आ गई कि उपराज्यपाल के घर पर धरना देने की नौबत आ गई। केजरीवाल एक बार फिर दिल्ली की जनता को ठगने के लिए ‘पूर्ण राज्य’ का दिखावा कर रहे हैं। दरअसल दिल्ली सरकार के घोटालों की जांच तथा दिल्ली के मुख्य सचिव पर हमले के खिलाफ दायर चार्जशीट के डर से ही मनीष सिसोदिया, गोपाल राय और सत्येंद्र जैन के साथ मिलकर केजरीवाल आक्रामक हुए हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल पर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को धमकाने का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल खुद को देश के क़ानून और संविधान से ऊपर मानते हैं। भाजपा ने उनसे सवाल पूछा है कि क्या दिल्ली की जनता ने ऐसी तानाशाही करने के लिए ख़ुद को दिल्ली का मालिक कहने वाले केजरीवाल को वोट दिया था?
केजरीवाल जी ख़ुद को देश के क़ानून और संविधान से ऊपर समझते हैं। ख़ुद को “दिल्ली का मालिक” कहने वाले केजरीवाल अब LG को भी धमकी दे रहे हैं। क्या दिल्ली ने ऐसी तानाशाही करने के लिए केजरीवाल जी को वोट दिया था ? pic.twitter.com/icqaBI4R4H
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) June 12, 2018
अब जब दिल्ली सरकार पूरी तरह ठप्प पड़ी हुई है, यहां की जनता के लिए कोई काम हो नहीं रहा है। मुख्यमंत्री समेत सभी वरिष्ठ मंत्री उपराज्यपाल के घर पर डेरा जमाए बैठे हैं। धरना का नाटक कर राजनिवास के एसी रूम में ऐश फरमा रहे हैं। केजरीवाल ने कहा था कि अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला होता तो इसे लंदन टोक्यो और पेरिस बना देता। अब सवाल उठता है कि अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा तो वे काम नहीं घोटाला करेंगे ? उन्हें याद हो कि बगैर पूर्ण राज्य का दर्जा मिले ही शीला दीक्षित ने 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहते हुए काम किया।
केजरीवाल से लोग पूछ रहे हैं कि पानी, सड़क, अस्पताल, स्कूल, जल जमाव रोकने, डेंगू की रोकथाम तथा प्रदूषण रोकने के लिए कौन से पूर्ण राज्य होने की जरूरत है। दरअसल केजरीवाल को प्रशासन चलाना ही नहीं आता है। असल में पूर्ण राज्य तो बहाना है उनकी मंशा तो दिल्ली की जनता का ध्यान अपनी सरकार के घोटालों से ध्यान हटाना है।
मालूम हो कि जिस कारण दिल्ली के अधिकारी हड़ताल कर रहे हैं केजरीवाल उसी ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। असल में केजरीवाल के अहं की वजह से ये बखेड़ा चल रहा है। केजरीवाल चाहें तो महज दो मिनट नहीं लगेगा समस्या के समाधान में। अधिकारियों ने सिर्फ केजरीवाल से माफी की मांग को लेकर हड़ताल पर है। केजरीवाल पर दिल्ली के मुख्य सचिव को अपने घर बुलाकर उन पर हमला करने का आरोप है। इस मामले में उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि केजरीवाल इस मामले में सार्वजनिक रूप से लिखित रूप में माफी मांग लें। जो केजरीवाल अपना करियर बचाने के लिए कपिल सिब्बल, मजीठिया, अरुण जेटली और नितिन गडकरी से माफी मांग सकते हैं क्या वे दिल्ली की जनता के लिए मुख्य सचिव से क्यों नहीं लिखित रूप में माफी मांग सकते?
केजरीवाल जिन मांगों को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल के घर के सोफे तोड़ रहे हैं उस मांग में भी कोई दम नहीं है। डोर स्टेप राशन डिलीवरी की फाइल तीन महीने से केजरीवाल के मंत्री इमरान हुसैन की मेज पर पड़ी हैं। इसी फाइल को पास कराने के नाम पर धरना दे रहे हैं। जबकि अभी तक उपराज्यपाल के पास वह फाइल वापस आई ही नहीं। इससे साफ लगता है कि वे सिर्फ दिल्ली की जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। उन्हें तो करना धरना कुछ है नहीं सिर्फ केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर धरना करना है। क्योंकि धरना ने ही तो उन्हें मुख्यमंत्री तक बना दिया।
Massive Expose
डोर स्टेप राशन डिलीवरी – फ़ाइल तीन महीने से केजरीवाल के मंत्री इमरान हुसैन की टेबल पर पड़ी हैं
इसी फ़ाइल को पास करवाने का बहाना लेकर केजरीवाल कल रात से एलजी हाउस के सोफ़े पर पड़े है
"एलजी के पास फ़ाइल वापस आयी ही नहीं"
'करना धरना' कुछ नहीं
'धरना' करना है pic.twitter.com/dRYN8IwJhg
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 12, 2018
URL: Arvind kejriwal’s plan of violence and subversion in Delhi
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