मुख्यधारा मीडिया की तो आदत बन गई है सुविधानुसार तथ्य देने और न देने की। लेकिन जब एक ही समूह के लोग किसी घटना की निंदा या प्रशंसा करने लगे तो समझ जाना चाहिए कि दाल में कुछ काला है? गोरखपुर बीआरडी हॉस्पिटल कांड के फेक बहादुर डॉ कफील खान के आपराधिक इतिहास वाले भाई काशिफ जमील को गोरखपुर में किसी ने गोली मार दी। उसे गोली लगते ही जिस प्रकार एंटी नेशनल गिरोह के सदस्य पत्रकार सागरिका घोष, जेएनयूएसयू की पूर्व उपाध्यक्ष शाहिला राशीद, आप से निकाले गए पूर्व नेता प्रशांत भूषण, भीमा कोरेगांव हिंसा को भड़काने का आरोपी गुजरात का विधायक जिग्नेश मवानी ने डॉ कफील खान के परिवार की आपराधिक पृष्ठभूमि को छिपाने के लिए सरकार पर हमला कर दिया है ताकि योगी सरकार बैकफुट पर आ जाए और इनके शोर के डर से काशिफ जमील के अपराध पर खोजबीन न करे!
उप्र पुलिस के अनुसार प्रारंभिक जांच में कफील के भाई काशिफ जमील की हत्या में जमीन विवाद का मामला सामने आया है। पुलिस से जुड़े सूत्र यह भी बताते हैं कि काशिफ जमील पर डरा-धमका कर दूसरों का जमीन कब्जाने के कई आरोप हैं। अब जमीन कब्जाने वाले डॉ कफील के परिवार को बचाने के लिए यदि एंडी नेशनल गिरोह उतरा है, तो समझ लीजिए कि इनका कितना अधिक नैतिक पतन हो चुका है? हाल ही में, डॉ कफील खान दिल्ली में एक मुसलिम परिवार द्वारा सरेराह गला काट कर मारे गये अंकित सक्सेना के घर पर इफ्तार की नौटंकी कर मुसलिम नृशंसता को ढंकने की कोशिश करने वाले एनजीओ गिरोह में भी शामिल था।
गोरखपुर अस्पताल में बच्चों की मौत में अपने पर लगे आरोपों को छुपाने के लिए अपनी बहादुरी की झूठी कहानियां गढ़ने वाले डॉ कफील की भर्ती एंटी नेशनल गिरोह में नई-नई हुई है, इसलिए सभी एंटी नेशनल मिलकर उसके लिए कलमा पढ़ने में जुटे हैं!
This is truly sinister! Yogi's govt kills hundreds of children at Gorakhpur Hospital by not arranging oxygen supplies. They make Dr Kafeel Khan a scapegoat & arrest him. When he speaks out after coming out of his fear for his family, his brother is shot! This is Yogi's gunda Raj! https://t.co/FP4YwVpU9l
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) June 10, 2018
मुख्य बिंदु
* बीआरडी हॉस्पिटल कांड को दौरान सुर्खियों में आए डा. कफील के भाई जमील को मारी गोली
* अस्पताल में उपचार के बाद थाने में रिपोर्ट करने की बजाय मीडिया को रिपोर्ट करने पहुंचे जमील
* जमील और उसके परिवार पर जमीन विवाद के कई मामले चल रहे हैं, जमील की भी रही है आपराधिक पृष्ठभूमि
हालांकि गोली मारने को उचित नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन कानूनी स्थिति से वाकिफ नहीं होने के बावजूद एंटी नेशन गैंग के पत्रकार, वकील और एक्टिविस्ट किसी को बदनाम करने के लिए अलग विमर्श शुरू कर देते हैं जबकि तथ्य इनके पास नहीं होते। जमील को गोली मारने को लेकर जिस प्रकार सागरिका घोष, शाहिला राशीद और प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ की सरकार पर हमला बोला है उससे साफ है कि इनका उद्देश्य घटना की सच्चाई जानने की नहीं बल्कि सरकार और पार्टी को बदनाम करना है।
Shocking and horrifying news. Why is a life-saving doctor's family being targeted in this murderous way in @myogiadityanath 's UP? https://t.co/PKz57wx2p7
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) June 11, 2018
इन लोगों ने जानबूझकर जमील की आपराधिक पृष्ठभूमि को छिपाने और यूपी सरकार को बदनाम करने का बीड़ा उठाया है। सच्चाई यह है कि इस गोलीकांड में अभी तक अदद एक एफआईआर तक नहीं की गई है। इस संदर्भ में मिली सूचना के मुताबिक जमील काफी दिनों से जमीन विवाद में फंसा है। पुलिस के अनुसार काशिफ और उसके परिवार का नाम कई जमीन विवादों से जुड़ा है। खबर है कि उस पर तीन गोलियां चलाई गई लेकिन उसके शरीर को छूती हुई निकल गई। जमील को तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां उपचार होने के बाद वह पुलिस में रिपोर्ट करने की बजाए सीधे मीडिया के पास पहुंच गया। वहीं उधर उसका भाई डॉ. कफील ने इस संदर्भ में एक वीडियो ट्वीट कर दिया। जब कोतवाली थाना इंचार्ज घनश्याम पुजारी से इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अभी तक इस बारे में कोई शिकायत नहीं की गई है।
When there's a big story in the media, look for the story that they're trying to keep you from.
While mainstream media were going crazy with the fake Modi assassination plot, guess who was shot at? Dr. @real_kafeelkhan's brother! Prayers for recovery.
Guess who's under threat!
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) June 11, 2018
पुलिस का कहना है कि इस घटना के बाद जहां जमील को किसी सरकारी अस्पताल में उपचार कराना चाहिए, वहीं डॉ. कफील के दबाव पर उसे एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाया गया। पुलिस का कहना है कि ऐसा नहीं है कि जमील पर यह पहला जानलेवा हमला हुआ हो। इससे पहले भी उसपर हमला हो चुका है और उसे जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। वहीं एक विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जब केंद्र में न तो नरेंद्र मोदी की सरकार थी न ही प्रदेश में योगी की ही सरकार बनी थी, यूपी में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब भी उस पर हमला हो चुका है। बात अप्रैल 2014 की है। नौशाद आलम, बाबू यादव, अजीम अहमद तथा मुजफ्फर आलम नाम के चार लोगों ने जमील के घर में घुसकर उस पर अपने पिस्टल से हमला किया था। उस समय भी वह बच गया था। इन चारों लोगों ने उन्हें जान से मार देने की धमकी दी थी।
लेकिन उस समय सागरिका, शाहिला राशीद, प्रशांत भूषण और जिग्नेश मेवानी मुंह में दही जमाये बैठे थे। न तो समाजवादी सरकार के खिलाफ न ही उस घटना के खिलाफ। लेकिन आज जब आपसी दुश्मनी का मामला सामने आया हो तो जमील कानून की बजाय इन्हीं लोगों की शरण में पहुंचा है। इससे साबित होता है कि इस प्रकार की घटना से सरकार को बदनाम करने का खेल खेला जा रहा है।
The Dr. Kafeel who saved children when Yogi Aadityanath gov had no money to pay for oxygen. He was put behind bars. Now his brother is shot at. Thank you so much Modi ji for what your ' acche din ' are offering us -hate speeches, violence, bloodshed and bullets. https://t.co/UjLQ3rd7gK
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) June 10, 2018
URL:Anti-National gang cremated to defame the government to save the person with criminal background
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