आखिरकार अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के मुख्य आरोपी और दलाल क्रिश्चियन मिशेल भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई के हत्थे चढ़ ही गया। काफी दिनों से मिशेल पर शिकंजा कसने वाली सीबीआई को मंगलवार को यूएई सरकार ने उसे सुपूर्द कर ही दिया। भले ही यह सफलता सीबीआई की मानी जाए लेकिन इस सफलता की पटकथा कोई और नहीं बल्कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोभाल ने लिखी है। मिशेल के प्रत्यर्पण के संदर्भ में सीबीआई ने भी बयान जारी कर कहा है कि डोभाल के ‘निर्देशन में शुरू किए गए भियान के कारण ही मिशेल का भारत प्रत्यर्पण सफल हो पाया है। मालूम हो कि पिछले महीने ही दुबई के सुप्रीम कोर्ट ने मिशेल की याचिका खारिज करते हुए उसके प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया था। अंत में दुबई सरकार ने मंगलवार को उसे भारतीय अधिकारियों के हवाले कर दिया। गौरतलब है कि यूपीए सरकार के समय 36 हजार करोड़ के अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में हुए घोटाले के मुख्य आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की भारत को काफी दिनो से तलाश थी। वैसे दो मिशेल को 2 सितंबर 2017 को ही दुबई में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद हुई न्यायिक कार्यवाही के दौरान दुबई में रहने की शर्त पर उसे कुछ दिन बाहर रहने का मौका दिया गया। इस दौरान उसने वहां से भागने का प्रयास भी किया था। यह खुलासा विकास भदोड़िया ने अपने ट्वीट में किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है जब वह दुबई से भागने के लिए अपने अंतिम चरण को अंजाम दे रहा था तभी भारतीय खुफिया एजेंसी ने उसे कुर्ता-पायजामा और टोपी की पोशाक में पहचान लिया था।
Pic: #ChristianMichel was arrested in duabi on Sept 2,2017.after some time he was released by public prosecution & was asked to remain in dubai.but michel tried 2 flee from dubai.when he was final stage of moving away,indian intelligence was identify him with kurta-payjama & topi pic.twitter.com/mx3xXNdTSM
— Vikas Bhadauria (@vikasbha) December 4, 2018
अब जब अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले के मुख्य आरोपी क्रिश्चियन मिशेल भारत लाया जा चुका है तो फिर भारत के कई नेताओं के साथ ही कई पत्रकार और मीडिया संस्थान के भी होश उड़े हुए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कहा जाता है कि मिशेल ने अगस्ता वेस्टलैंड डील दौरान अपना पीआर के लिए कई पत्रकारों तथा मीडिया हाउसों को भी रिश्वत दी थी। इस बारे में कहा जाता है कि उन्होंने इस डील के पीआर के लिए रिश्वत के रूप में करीब 45 करोड़ रुपये बांटे थे
And the media persons and media firms received Rs.45 cr from Christian Michel for PR work of the AgustaWestland deal😎 https://t.co/f5hMbpafBh
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) December 4, 2018
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के मुख्य आरोपी क्रिश्चियन मिशेल को भारत लाने के लिए चलाए गए ऑपरेशन को सीबीआई के कार्यवाहक निदेशक एम नागेश्वर राव के कोऑर्डिनेशन में अंजाम दिया गया। सीबीआई के संयुक्त निदेशक साई मनोहर के नेतृत्व में सीबीआई की टीन ने दुबई में रहकर इस मिशन को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दुबई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद अब भारत में मिशेल को रिमांड पर लेने के लिए सीबीआई उसे बुधवार को दिल्ली के पटियाला हाईकोर्ट में पेश करेगी। अब मिशेल के साथ जो न्यायिक कार्रवाई उचित होग वो तो की ही जाएगी, लेकिन मिशेल से पूछताछ से जो खुलासा होने वाला है उससे देश के राजनीतिक और मीडिया के गलियारों में पहले से ही हलचल शुरू हो गई है।
मुख्य बिंदु
* अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले मामले को लेकर इटली में हुई सुनवाई के दौरान सोनिया गांधी और अहमद पटेल के खिलाफ जमा हुए थे दस्तावेज
* इस घोटाले में रिश्वत लेने के मामले में सिर्फ कांग्रेसी नेताओं को ही नहीं बल्कि कई पत्रकार और मीडिया हाउस को भी डरने की जरूरत है
*मिशेल ने अपने जोड़ीदार हश्के के साथ हुई बातचीत में सोनिया गांधी, अहमद पटेल और देश के मीडिया हाउस को रिश्वत देने की बात स्वीकार कर चुका है
मिशेल के भारत आने के बाद आने वाले दिनों में भारतीय राजनीति की बड़ी हस्ती मानी जाने वाली यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और उनके राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की परेशानी बढ़ जाएगी। उनकी परेशानी उस समय तब और बढ़ जाएगी जब सीबीआई और ईडी उन दोनों का मिशेल से सामना करवाएंगे। क्योंकि इन जांच एजेंसियों के पास पहले से इटली कोर्ट का वह दस्तावेज है, जिसके हवाले से कहा गया है कि सोनिया गांधी और उनके परिवार को इस डील का 5 प्रतिशत हिस्सा यानि 210 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर दिए गए हैं।
मिशेल के भारत प्रत्यर्पण को लेकर दुबई सरकार के विधि मंत्रालय ने अपना अंतिम आदेश मंगलवार को तब जारी किया जब दुबई की सर्वोच्च अदालत ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ मिशेल की याचिका खारिज कर दी। मिशेल के भारत आने से न केवल राजनेताओं को घबड़ाने की जरूरत है बल्कि कई पत्रकारों और मीडिया घरानों को भी घबड़ाने की जरूरत है। क्योंकि आरोप है कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले को दबाने के लिए मिशेल ने देश के कई नामी पत्रकारो और मीडिया हाउस को 45 करोड़ रुपये दिए थे।
हालांकि मिशेल के भारत प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार ने साल 2015 की शुरुआत में ही दुबई सरकार से संपर्क किया था। क्योंकि अगस्ता वेस्टलैड हेलिकॉप्टर सौदे से लेकर उसके घोटाले तक में मिशेल ही मुख्य आरोपी था। मिशेल पर ही इटली की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 3600 करोड़ रुपये मूल्य के 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए कांग्रेसी नेतृत्व से लेकर भारती मीडिया हाउस को घूस देने का आरोप है।
इस मामले में इटली के ट्रायल कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने भारत के वरिष्ठ नेताओं तथा भारतीय एयर फोर्स के अधिकारियों को 400 करोड़ रुपये रिश्वत देने को लेकर मिशेल तथा उनके साझीदार गुइडो हेश्के के साथ हुई बातचीत तथा दस्तावेज पेश किए थे। उन दोनों के बीच हुई बातचीत से स्पष्ट हो जाता है कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उनके राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल और मिशेल के बीच काफी निकटता थी। गौर हो कि अपने संवाद के दौरान मिशेल अहमद पटेल को एपी से संबोधित किया है। सुनवाई के दौरान हेश्के को दोनों नेताओं की तस्वीर दिखई गई थी। तभी उन्होंने यह पुष्टि की कि मिशेल भारत के नेताओं को संभाल रहे थे और वे नेता अपने एजेंट के माध्यम से रक्षा विभाग तथा भारतीय वायु सेना के अधिकारियों को संभाल रहे थे। मिशेल और हश्के के बीच हुई बातचीत से यह खुलासा हुआ है कि अगस्ता वेस्टलैंड डील का पांच प्रतिशत हिस्सा “द फैमिली” को दिया गया है। ध्यान रहे कि “द फैमिली ” का मतलब गांधी परिवार से है। एक अन्य बातचीत में मिशेल ने स्पष्ट रूप से बताया है कि यह डील सोनिया गांधी के माध्यम से ही हुआ है।
सोनिया गांधी को इस मामले में फंसने के आसार को भांपते ही, कांग्रेस के नेताओं ने मोदी पर सोनिया गांधी को फंसाने का आरोप लगाना शुरू कर दिया था। उनका आरोप था कि मोदी ने विदेशी नेताओं के साथ डील कर मिशेल के माध्यम से सोनिया गांधी को फंसाया है। मालूम हो कि साल 2012 में इस घोटाला के सामने आते ही ब्रिटेन नागरिक मिशेल खुद को इटली के जांचकर्ताओं से बचाने के लिए दुबई भाग गया था। दो साल भगोड़े की जिंदगी बिताने के बाद मिशेल मीडिया के सामने आया और इस मामले में श्रृंखलाबद्ध तरीके से साक्षात्कार देना शुरू किया। अपने हर इंटरव्यू में उसने भारत सरकार पर अपना राजनीतिक हित साधने के लिए उसे फंसाने का आरोप लगाता रहा। यह सर्वविदित है कि 2015 से लगातार मिशेल कांग्रेसी नेता कमलनाथ के बेटे बकुल नाथ के संपर्क में था। मालूम हो कि दुबई में व्यवसाय कर रहे कमलनाथ के बेटे बकुल नाथ ने ही मोदी सरकार पर आरोप लगाने के लिए 2016 में भारतीय मीडिया के साथ मिशेल के इंटरव्यू की व्यवस्था की थी।
मिशेल के भारत आ जाने के बाद देश के कई राजनेताओं के साथ ही कई पत्रकारों और मीडिया हाउस को भी डरने की जरूरत है। क्योंकि इस घोटाले को अंजाम देने से लेकर इसे दबाने तक के लिए मिशेल ने कई भारतीय पत्रकारों के अलावा कई मीडिया हाउस को करीब 45 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। हालांकि इस मामले में वर्तमान में महज एक पत्राकर राजू संथानम ही गिरफ्तार किए गए हैं। प्रवर्तन निदेशान ने मिशेल के दिल्ली के क्रियाकलाफ को संभालने के आरोप में संथानम को गिरफ्तार किया था। इस मामले में अभी वह जेल में हैं।
URL : As michel brought India Nightmare starts for Sonia and Ahmed Patel
Keyword : Fugitive Christian Michel deported, Agusta Westland Scam, brough to India, CBI, NSA Ajit Doval, Agusta Westland Scam, Dubai Govt, क्रिश्चियन मिशेल प्रत्यर्पण, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला, दुबई सरकार, सीबीआई, एनएसए अजीत डोवाल