प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को असम पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था। हालांकि कुछ ही घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम बेल दे दी। खेड़ा के बयान को लेकर असम के CM हेमंत बिस्व सरमा ने बयान दिया है। सरमा ने दावा किया कि खेड़ा ने अपने बयान पर बिना शर्त माफी मांग ली है।
सरमा ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया पर लिखा- आरोपी (पवन खेड़ा) ने बिना शर्त माफी मांगी है। हम उम्मीद करते हैं कि सार्वजनिक स्थानों की पवित्रता को बनाए रखते हुए अब से कोई भी राजनीतिक भाषण में असभ्य भाषा का इस्तेमाल नहीं करेगा।
सरमा ने गुरुवार को पवन खेड़ा पर असम पुलिस की कार्रवाई को सही बताया था। सरमा ने कहा- खेड़ा चाहे आसमान में हों या धरती पर, अगर अपराध हुआ है तो पुलिस को गिरफ्तार करने का अधिकार है। सरमा ने कहा- कैसे किसी को गिरफ्तार किया गया है, किस प्रक्रिया का पालन किया गया है वो अलग बात है। असम पुलिस अपना कर्तव्य निभा रही थी।

सरमा बोले- भारत न तो भूलेगा और न ही माफ करेगा
इस मामले में तीन दिन पहले सरमा ने पवन खेड़ा और कांग्रेस पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि ऐसे बयानों के लिए देश कांग्रेसियों को माफ नहीं करेगा। 20 फरवरी को सरमा ने एक ट्वीट किया- गलती न करें- प्रधानमंत्री के पिता पर दरबारी पवन खेड़ा की अमर्यादित टिप्पणी को कांग्रेस के शीर्ष स्तर का आशीर्वाद प्राप्त है, जो एक विनम्र मूल के व्यक्ति के PM होने के खिलाफ पात्रता और तिरस्कार से भरा है। कांग्रेसियों की इन भयानक टिप्पणियों को भारत न तो भूलेगा और न ही माफ करेगा।
पवन खेड़ा की गिरफ्तारी की वजह, PM पर दिया विवादित बयान
पवन खेड़ा को जिस बयान की वजह से गिरफ्तार किया गया, वह बयान उन्होंने 20 फरवरी को दिल्ली में दिया था। हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर उन्होंने कहा था, ‘जब अटल बिहारी वाजपेयी JPC बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतमदास मोदी को क्या समस्या है।’ अपने बयान में उन्होंने नरेंद्र दामोदरदास मोदी को गौतमदास मोदी कहा था।
इसके बाद उन्होंने आसपास खड़े लोगों से पूछा गौतम दास है या दामोदरदास। इसके बाद उन्होंने कहा कि नाम भले ही दामोदर दास है। उनका काम गौतमदास का है। हालांकि, बाद में उन्होंने सफाई दी थी प्रधानमंत्री के नाम को लेकर उन्हें कन्फ्यूजन था।

दिल्ली पुलिस ने पवन खेड़ा को करीब साढ़े 11 बजे फ्लाइट से उतार लिया। इसके बाद पार्टी के अन्य नेताओं ने विमान से उतर कर हंगामा शुरू कर दिया।
23 फरवरी को असम पुलिस ने फ्लाइट से उतारा, कोर्ट से मिली राहत
बता दें कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा गुरुवार को कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल होने के लिए रायपुर जा रहे थे। खेड़ा दिल्ली एयरपोर्ट पर इंडिगो विमान में बैठे थे, तभी उन्हें नीचे उतारा गया। इसके बाद असम पुलिस ने पहले हिरासत में फिर गिरफ्तार कर लिया।पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई, जहां से पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत मिल गई।

असम पुलिस ने करीब 2 घंटे के हंगामे के बाद गुरुवार को पवन खेड़ा को गिरफ्तार किया। खेड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा- ‘लड़ाई अभी लंबी है। देखते हैं आगे क्या होता है।’
साथ ही असम, लखनऊ और वाराणसी में दर्ज FIR को एक ज्यूरिडिक्शन में लाने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा कि तीनों FIR की सुनवाई एक जगह होगी। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने दिया। कोर्ट ने असम और यूपी सरकार को भी नोटिस जारी किया है।
अब कोर्ट खेड़ा की गिरफ्तारी और तीनों केस को क्लब करने को लेकर 27 फरवरी को अगली सुनवाई करेगा। इधर, शाम को दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खेड़ा को 30 हजार के बॉन्ड पर अंतरिम जमानत दे दी। द्वारका कोर्ट ने असम पुलिस के ट्रांजिट रिमांड की मांग पर यह फैसला सुनाया।
जमानत के बाद खेड़ा बोले- बिना नोटिस के हुई गिरफ्तारी

अंतरिम जमानत मिलने के बाद पवन खेड़ा ने कहा, ‘असम पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से मुझे अरेस्ट किया। गिरफ्तारी को लेकर न ही मुझे पहले से कोई सूचना दी गई और न ही कोई नोटिस मिला। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, जिसने आज मेरी फ्रीडम ऑफ स्पीच की रक्षा की। मामला कोर्ट में है, इसलिए कोई टिप्पणी नहीं करुंगा।’