अर्चना कुमारी। जहांगीरपुरी दंगे को लेकर केंद्र सरकार के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने कथित सेकुलर वादी चेहरा दिखाने की कोशिश की है । पहले हिंदू लोगों की गिरफ्तारी और बाद में जुलूस निकालने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना तो यही दर्शाता है । पुलिस का कहना है हनुमान जयंती के अवसर पर राजधानी के जहांगीरपुरी एरिया में जिस प्रदर्शन में दंगे हुए ,वह बिना इजाज़त के शोभायात्रा निकाली गई।
इस मामले में दिल्ली पुलिस का कहना है कि बिना इजाजत शोभायात्रा निकालने पर आईपीसी के सेक्शन 188 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज किया गया है और एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया। पुलिस का दावा है कि 16 अप्रैल को निकाली गई दो अन्य शोभायात्राओं को जहांगीपुरी एरिया में जुलूस और प्रदर्शन निकालने की इजाजत हासिल थी लेकिन जिस में हिंसा हुई उसको अनुमति नहीं दी गई थी ।
लेकिन पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि जब प्रदर्शन की लिखित सूचना थाने में दी गई तब फिर इसकी अनुमति क्यों नहीं थी। पुलिस के अनुसार जब अनुमति नहीं थी तब कैसे और किसकी अनुमति से पुलिसकर्मी उस जुलूस में शामिल हुए थे, निश्चित तौर पर पुलिस अपना चेहरा साफ दिखाने की कोशिश में हिंसा का ठीकरा हिंदूवादी संगठनों पर फोड़ना चाहती है।
इस मामले को लेकर जिन हिंदू आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है वह बेहद गरीब है और उनके मासूम बच्चे तक को पुलिस उठाकर ले गई। इस बीच पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने धर्म और वर्ग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं होने का आश्वासन देते हुए कहा कि एक-एक दंगाइयों से सख्ती से निपटा जाएगा । उनका कहना था कि जुलूस में शामिल लोग मस्जिद में कोई झंडा और पताका नहीं लगाया था ।
उन्होंने माना कि जुलूस पर हमला हुआ लेकिन हिंदुओं की गिरफ्तारी क्यों की गई वह स्पष्ट उत्तर इसका नहीं दे पाए। पिस्टल से गोली चला रहे और पत्थर फेंक रहे उपद्रवियों के बचाव में इधर-उधर भागना और वापस पत्थर फेंकना हिंदुओं के लिए पुलिस की नजर में खुद को दंगाई साबित करना हुआ । पुलिस ने इस मामले में अब तक जितनी भी गिरफ्तारी की है उसके पीछे वह वीडियो फुटेज है जो मोबाइल तथा सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुए थे ।
इस बीच दिल्ली पुलिस ने इस मामले को लेकर दो और आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। सूत्रों का दावा है कि सोमवार को सोनू चिकना और शेख हामिद की गिरफ्तारी की गई । इससे पहले पुलिस इस मामले को लेकर दो किशोरों समेत 23 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है । सोनू चिकना तथा शेख हामिद की गिरफ्तारी को लेकर उनके परिजनों ने जमकर हंगामा तथा पथराव किया।
इनमें सत्येंद्र खारी नामक एक इस्पेक्टर जख्मी हुआ और पुलिस ने इस मामले को लेकर सलमा नामक महिला को गिरफ्तार किया । दिल्ली पुलिस का कहना है कि सोनू चिकना वही शख्स है जो वायरल हुए वीडियो में गोली चलाने के वक्त नीला कुर्ता पहना हुआ था। उसके घर जब पुलिस टीम आई थी तब पुलिस टीम के साथ धक्का-मुक्की की गई और पत्थर फेंके गए। बाद में उसकी पत्नी को पूछताछ के लिए ले जाया गया।
सोनू चिकना से पहले उसका भाई सलीम चिकना पहले पकड़ा जा चुका है।इसी तरह शेख हामिद जिसने दंगाइयों को खाली बोतल उपलब्ध कराया था, उसके परिजनों ने थाने पर जमकर बवाल काटा। शेख हमीद एक कबाड़ी है और उसने बढ़-चढ़कर दंगाइयों का साथ दिया था । वैसे जहांगीरपुरी में हालात नियंत्रण में है लेकिन तनाव बरकरार है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि पुलिस इलाके में लगातार गश्त कर रही है और हिंदू मुस्लिम लोगों के साथ मीटिंग कर शांति बहाल करने की कोशिश में जुटी हुई है।