राज्यसभा टीवी के पूर्व सीईओ गुरदीप सप्पल की टीम का संसद टीवी पर कराया गया कब्ज़ा. नई दिल्ली संसद टीवी के गठन के समय उम्मीद यह की गयी थी कि इस टीवी को लेकर कोई राजनीति नही होगी, इसलिये मोदी सरकार ने पूर्व आईएएस रवि कपूर को इसका सीईओ बनाया था।
लेकिन अब सवाल उठ रहा है, कि संसद टीवी को चला कौन रहा है, मौजूदा सीईओ रवि कपूर, या कांग्रेस प्रवक्ता गुरदीप सप्पल। यह सवाल इसलिये उठ रहा है क्योकि हाल ही में कांग्रेस के सांसद शशि थरूर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें शशि थरूर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के साथ बातचीत करते दिखाई दे रहे थे, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने शशि थरूर के खूब मजे लिए, उसके जवाब में शशि थरूर ने भी दो-तीन ट्वीट किए थे, यह वीडियो संसद टीवी का था।
लेकिन अब खबर आ रही है कि इस वीडियो के वायरल होने के बाद संसद टीवी में ब़डा बदलाव कर दिया, जो तूल पकड रहा है। हैरानी इसलिये भी हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रवि कपूर को संतुलित संसद टीवी बनाने का जिम्मा सौंपा था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ । अब रवि कपूर की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल ख़डे हो रहे है। सवाल उपराष्टपति कार्यालय मे एक वरिष्ठ अधिकारी ए राव की भूमिका को लेकर भी उठ रहा है। एक महिला एंकर को लेकर राव पर पूर्व में भी गंभीर आरोप लग चुके हैं।
हाल ही में संसद टीवी मे नया ऑफिस ऑर्डर आया जिसमें संसद टीवी की कमान पूर्व में राज्यसभा टीवी के उन सभी लोगों को दे दी गई है जो कि गुरूदीप सप्पल के भरोसेमंद थे। सप्पल मौजूदा कांग्रेसी प्रवक्ता हैं। सप्पल पर राज्यसभा में कार्यक्रम नियुक्तियों और आर्थिक अनिमियतताओं को लेकर विवादों में रहे, उन्होंने आरएसटीवी के सीईओ रहते हुए एक फिल्म का निर्माण भी कराया था जो काफी विवादों में रहा था।
संसद टीवी में जिन लोगो को कमान सौंपी गयी है,, उनमें वह लोग भी शामिल हैं जिनके ऊपर शक की सुई घूमी थी . सप्पल पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के करीबी हैं। राज्यसभा टीवी में करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोप भी लगे थे गौरतलव यह है कि संसद टीवी के बननें के बाद से ही यह राजनिति का अखाडा बना हुआ है। शशि थरूर और प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने कार्यक्रम को करने से इसलिये इंकार कर दिया था, कि मोदी सरकार विपक्ष को बोलनें नही दे रही है।
गुरदीप सप्पल के भर्ती लोगों का दबदबा, 2014 के बाद भर्ती पत्रकारों को चुन चुनकर लगाया ठिकाने
New Team of Sansad TV: लोकसभा और राज्यसभा टीवी के मर्जर के बाद बने संसद टीवी में 2014 के बाद भर्ती हुए पत्रकारों को किनारे लगा दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक लोकसभा टीवी मे 2014 के बाद भर्ती हुए पत्रकारों को चुन चुनकर ठिकाने लगाया गया है। इसमें वरिष्ठता को तो नजरअंदाज किया ही गया है, बल्कि लोकसभा टीवी के एडिटर श्याम सहाय को तो एक तरह से डिमोट ही कर दिया है। लोकसभा टीवी के एडिटर श्याम सहाय को नए आर्डर में एडिटर हिंदी की पोस्ट दी गई है, जोकि लोकसभा टीवी की उनकी पोस्ट से तीन पायदान नीचे है। श्याम सहाय को आउटपुट एडिटर को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
संसद टीवी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों को राज्यसभा के पूर्व प्रमुख गुरदीप सप्पल ने भर्ती किया था, उन लोगों को नए आर्डर में ख़ासा महत्व दिया गया है। संसद टीवी की नई टीम में एक्सिक्यूटिव एडिटर ओम प्रकाश को बनाया गया है, जोकि पूर्व राज्य सभा टीवी में कार्यकारी निर्माता थे। ओमप्रकाश पूर्व राज्यसभा टीवी प्रमुख गुरदीप सप्पल के करीबी माने जाते हैं। ओमप्रकाश को लोक सभा टीवी और राज्य सभा टीवी के विलय के बाद 6 महीनों तक कोई भूमिका नहीं दी गई थी, लेकिन अभी अचानक से इन्हें पूरे संसद टीवी का कार्यकारी संपादक बना दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का विरोध करने वाले गुरदीप सप्पल लंबे समय तक राज्यसभा टीवी के सीईओ रहे और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के काफी करीबी रहे थे। सप्पल के नाम काफी विवाद भी रहे थे। ख़ासपर राज्यसभा के फंड को लेकर उनपर कई आरोप लगे थे। सप्पल ने वैंकेया नायडू के पद ग्रहण करते ही इस्तीफा दे दिया था। फिलहाल सप्पल कांग्रेस के प्रवक्ता हैं।
नए आर्डर के मुताबिक संसद टीवी का इनपुट हेड अमित कुमार श्रीवास्तव को बनाया गया है। इनकी भर्ती भी गुरदीप सप्पल की वजह से ही हुई थी। साथ ही गांधी परिवार के साथ भी इनका करीबी नाता रहा है।
संसद टीवी में राजेश कुमार झा को आउटपुट हेड बनाया गया है, जोकि जेएनयू से संबंध रखते हैं, हालांकि इनकी भर्ती 2014 के बाद हुई है, लेकिन ये भी एंटी बीजेपी कैंप के माने जाते हैं।
सूत्रों के मुताबिक संसद टीवी के प्रशासनिक फेरबदल में अवर सचिव सुनील मिनोचा की खासी भूमिका रही है। वो लगातार पहले भी 2014 के बाद भर्ती पत्रकारों को भगवा और संघी कहते रहे हैं। इसके बाद से ही कई वरिष्ठ पत्रकारों चुनचुनकर किनारे लगाया गया है।