आईएसडी नेटवर्क। हालिया रिलीज ‘ओपेनहाइमर’ के एक दृश्य को लेकर भारतीय दर्शकों का गुस्सा फूट पड़ा है। आरोप लगाया जा रहा है कि फिल्म के एक दृश्य में एक महिला कलाकार शारीरिक संबंध बनाते समय भगवद गीता का एक श्लोक पढ़ती है। इस दृश्य को लेकर दर्शकों में बहुत गुस्सा देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर फिल्म और उसके निर्देशक का तीव्र विरोध शुरु हो गया है। ‘सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन ‘की ओर से मांग की जा रही है कि इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों को दण्डित किया जाए।
21 जुलाई को भारत सहित विश्व भर में प्रदर्शित फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ रिलीज हुई। रिलीज होते ही फिल्म का एक दृश्य चर्चा में आ गया। इस दृश्य में भगवद गीता का प्रयोग अंतरंग क्षणों में होते देख दर्शकों का गुस्सा भड़क गया और फिल्म पर रोक लगाने की मांग उठने लगी। सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा है कि भगवत गीता भगवान श्री कृष्ण द्वारा मानव सभ्यता को एक दिव्य उपहार, हिंदू धर्म के सबसे प्रतिष्ठित ग्रंथों में से एक है।
गीता अनगिनत संन्यासियों, ब्रह्मचारियों और महापुरुषों के लिए प्रेरणा रही है जो संयम का जीवन जीते हैं और निःस्वार्थ महान कार्य करते हैं। सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन का कहना है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) इस दृश्य के साथ फिल्म को कैसे मंजूरी दे सकता है। फाउंडेशन की ओर से कहा गया है कि ‘हम बहुत ध्रुवीकृत दुनिया में रह रहे हैं। इसलिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा तत्काल आधार पर इसकी जांच की जानी चाहिए और इसमें शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
फाउंडेशन की ओर से कहा गया ‘जैसा कि हाल ही में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर जी ने और यहां तक कि पिछले कुछ वर्षों में अदालतों ने भी देखा है, हमें जो मनोरंजन मिलता है वह जनता की सांस्कृतिक और नैतिक भावनाओं के प्रति असंवेदनशील है। जनता को अपने मूलभूत मूल्यों पर बार-बार होने वाले हमलों के असहाय प्राप्तकर्ता बने रहने के लिए मजबूर किया जाता है क्योंकि सामग्री-निर्माताओं को रचनात्मकता के नाम पर नैतिक रूप से अनुचित, यहां तक कि घृणित सामान बनाने और प्रचारित करने में लाखों खर्च करने की खुली छूट मिलती है। इसके खिलाफ पहले से ही असंतोष बढ़ रहा है।’
फाउंडेशन ने देश की जनता और पूज्य गीता की ओर से, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह हिंदुओं की पूजनीय पवित्र पुस्तक की गरिमा को बनाए रखने के लिए वह सब कुछ करे, इसमें शामिल लोगों को दंडित किया जाए और ऐसी प्रक्रियाएं स्थापित की जाएं कि भविष्य में ऐसी चीजें न हों।