अर्चना कुमारी। जिस तरह कश्मीर से पंडितो को निबटा दिया गया। उसी तरह बंगाल कश्मीर बनता जा रहा है। केंद्र सरकार मूकदर्शक है और ममता के गुंडे घर में से हिंदू महिलाओं को उठा ले जाते हैं। टीएमसी नेता शाहजहां शेख इनका लीडर है और अब उसके खिलाफ महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जहा पर सहजहान का रसूख है। वहां पर संदेशखाली नाम की जगह है और यही बर्बरता का नंगा नाच चल रहा। इस साल की शुरुआत में इसी जगह शेख शाहजहां पर रेड करने गए ईडी टीम पर जानलेवा हमले हुए थे। लेकिन इस बार एससड़कों पर उतरी महिलाओं ने शाहजहां शेख को पकड़ने की मांग कर रहे है।
प्रदर्शन शनिवार को शुरू हुआ जो अबतक जारी है। सनद हो 8 फरवरी को टीएमसी कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के बीच हुई मारपीट में 13 नेता और कार्यकर्ता घायल हो गए थे। इस पर पुलिस ने इलाके में धारा 144 लागू करने के साथ ही इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थी लेकिन तनाव बढ़ता जा रहा है।
पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल को फंड न देने को लेकर टीएमसी नेताओं ने संदेशखाली के त्रिमोहानी बाजार में लोगों के साथ मिलकर रैली निकाली थी। इस रैली में शाहजहां शेख के नारे लगाने पर बवाल मच गया। , संदेशखाली की महिलाओं और पुरुषों ने लाठी-डंडे लेकर टीएमसी के गुंडों को दौड़ा दिया था। इस दौरान दोनों ओर से मारपीट भी हुई थी।
महिलाओं की मांग है कि शाहजहां शेख को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि शाहजहां शेख टीएमसी के नाम पर अत्याचार करता है। उनका कहना है कि शेख और उसके आदमी ईडी की टीम पर हमले से बहुत पहले से लोगों पर गंभीर अत्याचार कर रहे हैं और उसका पकड़ा जाना जरूरी है।
ज्ञात हो ममता बनर्जी का बेहद करीबी शेख शाहजहां 5 जनवरी 2024 को ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमले के पीछे का मास्टरमाइंड है और तभी से वो फरार है और राज्य सरकार उसे बचा रही है। 9 फरवरी 2024 को तब मामला गरमा गया। जब संदेशखाली और उसके आसपास के इलाकों में महिलाओं ने मोर्चा निकाला और गुस्साए लोगों ने शेख शाहजहां के करीबी शिबू हाजरा के पोल्ट्री फार्म को आग लगा दिया था।
जिस पॉल्टी फार्म को बर्बाद किया गया, उस जगह पर शिबू हाजरा ने जबरन कब्जाया था। उस जगह से कई गैर-कानूनी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता रहा है. शेख शाहजहां और उसके साथियों ने गरीबों की काफी जमीनों पर जबरन कब्जा कर रखा है।