अर्चना कुमारी। दिल्ली दंगा लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील इमाम की वैधानिक ज़मानत अर्ज़ी पर फैसला सुरक्षित रखा। अब कड़कड़डूमा कोर्ट मामले में 17 फरवरी को फैसला सुनाएगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से 10 दिन के भीतर शरजील इमाम की वैधानिक ज़मानत पर फैसला लेने को कहा था जबकि शरजील इमाम ने यूएपीए के मामले में अधिकतम सात साल की सजा में से आधी सजा काटने के लिए वैधानिक जमानत की मांग की थी।
इस बीच जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने फरवरी 2020 में उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की साजिश में कथित तौर पर शामिल होने को लेकर आतंकवादी रोधी कानून यूएपीए के तहत दर्ज एक मामले में अपनी जमानत याचिका बुधवार को उच्चतम न्यायालय से वापस ले ली।
खालिद की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की पीठ से कहा कि वह ‘परिस्थितियों में बदलाव’ के कारण अपनी जमानत याचिका वापस लेना चाहते हैं। सिब्बल ने कहा, मैं कानूनी प्रश्न (यूएपीए के प्रावधानों को चुनौती देने) पर बहस करना चाहता हूं लेकिन परिस्थितियों में बदलाव के कारण जमानत याचिका वापस लेना चाहता हूं। हम निचली अदालत में अपनी किस्मत आजमाएंगे।’’ बहरहाल, वरिष्ठ अधिवक्ता ने ‘‘परिस्थितियों में बदलाव’’ पर जानकारी नहीं दी। पीठ ने सिब्बल के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और खालिद की याचिका वापस लिए जाने का आदेश दिया।