अर्चना कुमारी। अतिक और अशरफ हत्याकांड में जो खुलासे हो रहे हैं, उसके अनुसार लवलेश तिवारी कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की वीडियो देखकर उससे प्रभावित हुआ था। उसका कहना था कि वह एक हिंदूवादी है और उसके साथी सनी का कहना था कि वह खुद एक बड़ा डॉन है। जबकि अरुण मौर्या को पहले नाबालिग होने का दावा किया था लेकिन पुलिस ने इनकार किया।
सूत्रों का कहना है तीनों ने पहले भी 14 अप्रैल को माफिया दोनों भाइयों को मारने की कोशिश की थी लेकिन वहां सुरक्षा घेरा देखकर लौट गया था ।तीनों शूटर 12 अप्रैल को लखनऊ से प्रयागराज बस से पहुंचे थे और 15 अप्रैल को दिन में घटना स्थल कॉल्विन हॉस्पिटल की रेकी की थी । बताया जाता है तीनों पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं और हत्या से जुड़े कई राज छुपाना चाहते हैं।
पुलिस का कहना है कि अतीक-अशरफ हत्याकांड के तार लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ रहे हैं क्योंकि सुंदर भाटी लॉरेंस बिश्नोई का करीबी बताया जाता है। यह भी दावा किया गया है कि कानपुर के बाबर गिरोह के जरिए तीनों को हथियार दिल्ली एनसीआर के मोस्ट वांटेड गोगी गैंग के जरिए उपलब्ध कराए गए थे हालांकि इस बारे में छानबीन की जा रही है।
इस बीच पुलिस का कहना है माफिया अतीक की फरार पत्नी शाहिस्ता परवीन को लेकर आज भी पुलिस द्वारा व्यापक तौर पर सर्च अभियान किया जा रहा है और साथ ही अशरफ की पत्नी जेनब फातिमा को भी तलाशा जा रहा है। दावा किया गया है कि उमेश पाल हत्याकांड के फरार शूटर साबिर अतीक व अशरफ की पत्नी के साथ साए की तरह साथ चल रहा है और सुरक्षा प्रदान कर रहा है। खुलासा किया गया है कि प्रयागराज के माफिया डॉन अतीक अहमद कर रहा था करेली विधानसभा की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश क्योंकि यहां पर बसाई जा रही थी मुस्लिम कॉलोनी। दावा किया गया है कि
माफिया अतीक अहमद प्रयागराज के एक खास इलाके की डेमोग्राफी बदलने के प्लान पर काम कर रहा था, इसके लिए वह कमजोर लोगों की जमीन पर कब्जा कर मुस्लिम बस्तियों को बसाने की तैयारी में था। बताया जाता है विधानसभा चुनावों में समर्थक वोटों की तीदाद बढ़ाने और अपना दबदबा बढ़ाने के इरादे से वह कर रहा था।
मुस्लिम बस्तियाँ बसाने के लिए कई कमजोर लोगों की जमीन हड़पी गई जबकि यह भी पुलिस के तरफ से बताया गया है कि अतीक अहमद की साजिश माइनॉरिटी कॉलोनी बसाने की थी जो कोई और आपराधिक गैंग सोच भी नहीं सकता यह कॉलोनी बसाने के लिए प्रयागराज शहर में करेली इलाके के पास एक गाँव को चुना गया था.
माइनॉरिटी टाउनशिप के नाम पर कई गरीब और कमजोर लोगों की जमीनों पर बलपूर्वक कब्जा किया गया था बताया जा रहा है कि मुस्लिम कॉलोनी बसाने की साजिश के पीछे अतीक द्वारा अपनी सुरक्षा घेरे को मजबूत करने के भी सोच थी