एकम् सनातन भारत देगा
कब से घना अंधेरा छाया , अब प्रकाश की रेखा फूटी ;
“एकम् सनातन भारत” आया,म्लेच्छ यवनकी किस्मत फूटी
अब न अल्पसंख्यकवाद रहेगा, शासन जिम्मी नहीं बनेगा ;
धर्म – सनातन ही छायेगा , अब्बासी – हिंदू नहीं बचेगा ।
झूठा – इतिहास हटाना है , सच्चा – इतिहास पढ़ाना है ;
तुष्टीकरण की ऐसी – तैसी , तृप्तीकरण मिटाना है ।
सारे मानव एक बराबर , सबको हो अधिकार बराबर ;
पक्षपात बिल्कुल न होगा , सब पायेंगे एक सा अवसर ।
भ्रष्टाचार हटाना है , जंगलराज मिटाना है ;
अब्राहमिक-कन्वर्जन-माफिया , भारत से इन्हें भगाना है ।
हनीट्रैप नेता व अफसर , सही राह आना ही होगा ;
हर अपराधी सजा पायेगा , निश्चय ही जेल में जाना होगा ।
जिसने भी मंदिर तोड़े हैं , उसको परिणाम भोगना होगा ;
मर कर भी न चैन पायेगा , जीते जी भी भुगतना होगा ।
मंदिर से सरकारी कब्जा , उसको अविलम्ब हटाना है ;
जो धन-संपत्ति लुटी मंदिर की , पूरी वापस करना है ।
लाखों एकड़ भूमि है उनकी , सब की सब वापस होगी ;
म्लेच्छ यवन जितने भी काबिज, उनसे सारी भूमि छिनेगी ।
होगा केवल कानून का शासन , गुंडागर्दी नहीं चलेगी ;
जस का तस कानून हो लागू , न्याय की गंगा सदा बहेगी ।
महाभ्रष्ट – झूठी – पाखंडी , गंदी – राजनीति न होगी ;
धर्म – सनातन सर्वश्रेष्ठ है , केवल राष्ट्रनीति ही होगी ।
देश को धोखा देने वाले , अपनी झोली भरने वाले ;
उन सबके ही भेद खुलेंगे , होंगे उनके मुँह काले ।
कालनेमि-रावण-राक्षस हैं , जितने भी हैं जिम्मी नेता ;
अपनी करनी भरनी होगी , नहीं बचेगा एक भी नेता ।
सबको किये की सजा मिलेगी , कोई न बच पायेगा ;
आने वाला है न्याय का सूरज , अंधकार मिट जायेगा ।
ये सब कुछ अब होके रहेगा , क्योंकि हिंदू जगने लगा है ;
अब तक भटकने वाला हिंदू , सही राह अब पाने लगा है ।
सही राह है धर्म – सनातन , सारे हिंदू आ जाओ ;
“एकम् सनातन भारत” आया , इसकी ही सरकार बनाओ ।
भारत का दुर्भाग्य रहा है , धर्म – विरोधी गंदा – शासन ;
“एकम् सनातन भारत” देगा,धर्मका शासन न्यायका शासन।