क्या मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव मोहम्मद बिन अब्दुलकरीब अल-ईशा भारत में मुस्लिम समुदाय को समान नागरिक संहिता पर सहमति दिलवायेंगे ? क्या इसे हम महज एक सहयोग कहें कि जब भारत में समान नागरिक संहिता पर चर्चा चल रही हो और उसी वक़्त दिल्ली क्यों आ रहे हैं सऊदी प्रिंस के करीबी और सऊदी अरब के टॉप नेता और मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव मोहम्मद बिन अब्दुलकरीब अल-ईशा। इसे भारत सरकार की अकर्मण्यता कहा जाये या फिर कायरता।
अपने देश के अंदरूनी मामलों में किसी बाहरी का ऐसे खुलेआम भागीदारी तो किसी अन्य सरकार ने भी नहीं करवाई थी फिर हिन्दू सम्राट भारतीय जनता पार्टी लगातार अपने दूसरे कार्यकाल में ऐसी हरकतें कैसे करती जा रही है। दुनिया के सबसे ज्यादा मुसलमान हमारे देश में हैं इसका मतलब ये तो नहीं कि आप अपने देश की संसद में होने फैसलों की राय अरब मुल्कों से लेने लगे।
आप सबकी जानकारी के लिए बता दू कि 10 जुलाई को सऊदी अरब के टॉप नेता और मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव मोहम्मद बिन अब्दुलकरीब अल-ईशा भारत आ रहे हैं और यहाँ वो भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ एक समारोह में लोगों की भीड़ को संबोधित करेंगे।
बड़ा सवाल — क्या भारत देश के अपने आन्तरिक हित क्या अरब वर्ल्ड से संचालित होगें ?
क्या मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव मोहम्मद बिन अब्दुलकरीब अल-ईशा भारत में मुस्लिम समुदाय को समान नागरिक संहिता पर सहमति दिलवायेंगे ?
क्या इसे हम महज एक सहयोग कहें कि जब भारत में समान नागरिक… pic.twitter.com/OEPvXnwnfv
— Hardik🚩 (@iHardikB) July 8, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि उनका सम्बोधन आधारित रहेगा सभ्यतागत संवाद, शांति और सहिष्णुता पर। शेख ईशा, सऊउी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) के बेहद करीबी हैं और वह सऊदी अरब के न्याय मंत्री भी रहे हैं। गौरतलब है कि उन्हें सऊदी अरब में इस्लाम के बदलाव का बड़ा चेहरा बताया जाता है।
सऊदी अरब के मुख्य समाचार पत्र अल रियाद की तरफ से उन्हें आधुनिकीकरण का अग्रणी नेता तक करार दिया है। अब आम जनता को खुद ही सोचना चाहिये कि वो ऐसे समय में भारत आ रहे हैं जब देश में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी पर बहस जारी है। आप को यह भी जानना चाहिए कि मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव के तौर पर उन्होंने विभिन्न समुदायों, विश्वासों और देशों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने और संबंधों को मजबूत करने की पहल की है।
तब भी क्या भारत की जनता अपने देश के आन्तरिक मामलों में उनका हस्तक्षेप जायज़ ठहराएगी ? सवाल बहुत बड़ा और अहम् है और वो है भारत देश के अपने हित क्या अरब वर्ल्ड से संचालित होगें ?
Copyright @ManuJournalist (Manu Chaudhary) & Source Media Reports