अर्चना कुमारी। भाजपा जब अपने ही कार्यकर्ता और नेताओं का बचाव नहीं कर पाती तो फिर आम जनता का क्या सुध लेगी। पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर जिस तरह से नूपुर शर्मा पार्टी से पार्टी ने किनारा करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। उससे कई पार्टी समर्थको को निराशा और हैरानी हुई और अब तमिलनाडु पुलिस ने सनातन धर्म विवाद में उदयनिथि स्टालिन के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने के लिए भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। तो क्या बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व अमित मालवीय से भी किनारा कर लेगी।
सवाल उठता है क्या भाजपा ने अपने किसी भी नियम वाले राज्य में हिंदू विरोधी द्रमुक राजवंश के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज की है और फिर उसे अदालत में घसीटा है? या फिर सनातन विवाद की जुबानी आरोप प्रत्यारोप करके सिर्फ चुनावी जंग जीतना चाहता है। प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर अपने नेताओं को तार्किक ढंग से बात रखने की बात कही, इसका क्या अर्थ निकाला जाए फिर तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि आप केवल राजनीतिक लाभ के लिए पीड़ित बनना या बनाना चाहते हैं, तो इसका मतलब आप वास्तविक कार्य नहीं करते ।
बताया जाता है कि तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में पुलिस ने बुधवार को राज्य की सत्तारूढ़ द्रमुक की शिकायत पर भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ मामला दर्ज किया। भाजपा नेता अमित मालवीय पर तमिलनाडु के खेल और युवा मामलों के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए गए भाषण को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप है।
डीएमके ने तिरुचिरापल्ली पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि उदयनिधि स्टालिन ने तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने भाषण में कहा था कि मच्छर, मलेरिया, डेंगू और सी कोरोना की तरह सनातन धर्म को भी खत्म किया जाना चाहिए, क्योंकि यह धर्म लोगों को जातियों में बांटकर रखता है और भेदभाव को बढ़ावा देता है।
दर्ज किए गए प्राथमिकी में कहा गया है कि मालवीय ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया कि उदयनिधि स्टालिन ने हिंदुओं के नरसंहार का आह्वान किया था। उदयनिधि स्टालिन के बयान को लेकर डीएमके और भाजपा-आरएसएस गठबंधन आमने-सामने हैं। लेकिन भाजपा के किसी भी राज्य में स्टालिन के बेटे के खिलाफ अब तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है ।