Archana Kumari. मुंबई पुलिस के आयुक्त रहे परमवीर सिंह के आरोपों के मद्देनजर सीबीआई ने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए रविवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के दो निजी सहायकों से रिश्वतखोरी और कार्यालय के दुरुपयोग के आरोपों के संबंध में पूछताछ की है। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख तथा वर्तमान मंत्री अनिल परब से पूछताछ की जा सकती है ।
इससे पहले सीबीआई परमवीर सिंह, सचिन वाजे से दो बार और एसीपी संजय पाटिल और डीसीपी राजू भुजबल से पूछताछ कर चुकी है। सचिन वाझे के दो ड्राइवरों से भी पूछताछ किए जाने की सूचना है।
सीबीआई का कहना है कि भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर मंगलवार रात को प्राथमिकी दर्ज की गई थी जबकि मामले की जांच के लिए दिल्ली मुख्यालय से सीबीआई की दो टीमें मुंबई आकर पूरे प्रकरण की छानबीन कर रही है।
आपको ज्ञात होगा कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को सीबीआई को देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया और आदेश पारित होने के तुरंत बाद अनिल देशमुख अपने पद से हट गए तथा उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
कारोबारी मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर मिली विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो कार का मामला उजागर होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 13 मार्च को अनिल देशमुख के करीबी और निलंबित पुलिसकर्मी सचिन वाझे को गिरफ्तार किया था, जिसकी भूमिका मनसुख हिरेन की मौत में भी सामने आई है।
इस मामले में सचिन के दो सहयोगी विनायक शिंदे और नरेश गौर को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि रियाजुद्दीन काजी को रविवार को पकड़ा गया। पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के निजी सहायकों संजीव पलांडे और कुंदन शिन्दे से उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की गई और उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण खुलासे सीबीआई को किए हैं।
रविवार को सीबीआई के अधिकारी सांताक्रूज उपनगर स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अतिथि गृह में दोनों से कई घंटे तक पूछताछ की । इसके अलावा सचिन वाझे के दो ड्राइवरों से भी पूछताछ की गई। दरअसल सीबीआई दोनों निजी सहायकों से कथित धन उगाही को लेकर कुछ अंदरुनी बातें जानना चाहती है लेकिन दोनों जांच में ढंग से सहयोग नहीं कर रहे हैं।
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि परमवीर सिंह ने पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि जब पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने निलंबित पुलिसकर्मी सचिन से मुंबई के बार एवं रेस्तराओं से 100 करोड़ रुपये प्रति माह वसूलने को कहा था, तो उस समय पलांडे व शिंदे भी वहां मौजूद थे। सचिन ने भी अपने बयान में कहा था कि अनिल देशमुख से बातचीत के दौरान कुंदन भी वहां मौजूद थे। इस तरह का हलफनामा सचिन ने एनआईए कोर्ट में भी लिखे तौर पर दिया था।