वैसे तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम अपनी हैसियत के हिसाब से शुरू से ही न्यायपालिका का दुरुपयोग अपने हित में करते रहे हैं। लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता पद का खुलकर दुरुपयोग किया है। वह चाहे अपनी पत्नी नलिनी चिदंबरम को मद्रास हाईकोर्ट से जमानत दिलाने का मामला रहा हो या फिर अपने बेटे कार्ति चिदंबरम को जमानत दिलाने का मामला रहा हो। उन्होंने एयरसेल मैक्सिस घोटाला मामले में खुद के लिए भी अपनी हैसियत का दुरुपयोग किया है। चिदंबरम और उनकी पत्नी के अधिवक्ता पद के दुरुपयोग को देखने के बाद ही वरिष्ठ पत्रकार जे गोपीकृष्णन ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई से इस संदर्भ में शिकायत की है। उन्होंने अपने शिकायती पत्र में पी चिदंबरम तथा उनकी पत्नी नलिनी चिदंबरम को उनके वरिष्ठ अधिवक्ता पद से निलंबित करने की मांग की है।
Filed a complaint to Chief Justice of India regarding misuse of Senior Advocate Designation by Mr&Mrs. Chidambaram, seeking suspension of Senior Advocate title, citing that they are now Accused in many cases.Also sought yearly monitoring of Senior Advocate title holding persons https://t.co/ik4JE3c8pU
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) January 16, 2019
वरिष्ठ पत्रकार जे गोपीकृष्णन ने जस्टिस रंजन गोगोई को लिखा है पी चिदंबरम और उनकी पत्नी नलिनी चिदंबरम अपने वरिष्ठ अधिवक्ता पद का अपने हित में दुरुपयोग कर रहे हैं। जबकि दोनों पति-पत्नी कई मामलों में अभियुक्त हैं। इसके साथ ही उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदत्त वरिष्ठ अधिवक्ता पद वाले हर व्यक्ति की सालाना गिगरानी करने की मांग की है।
Senior journalist @jgopikrishnan70 writes to #CJI, requesting suspension of 'Senior Advocate' designation of P #Chidambaram & wife Nalini Chidambaram in view of chargesheets against them. The letter points out trial judges may get affected by the coveted titles of Chidambarams. pic.twitter.com/raWBpH4vUE
— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) January 16, 2019
गोपीकृष्ण की इस शिकायत का हुए एक दूसरे पत्रकार उत्कर्ष आनंद ने भी समर्थन किया है। उनका कहना है कि पी चिदंबरम जिस प्रकार एक अभियुक्त होने के बावजूद अपने वरिष्ठ अधिवक्ता के यूनीफॉर्म में ट्रायल में उपस्थित होते हैं, इससे साफ है कि वह अपनी हैसियत का धौंस ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीशों पर धौंस जमाना चाहते हैं। इससे ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश प्रभावित हो सकते हैं।
गौरतलब है कि पी चिदंबरम और उनकी पत्नी नलिनी चिदंबरम भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग तथा काला धन जैसे कई मामलों में आरोपी हैं। ये सारे मामले या तो सीबीआई या ईडी या फिर आयकर विभाग ने उनके खिलाफ दर्ज कर रखे हैं। कई मामलों में आरोपी होने के बाद भी पी चिदंबरम अपने वरिष्ठ अधिवक्ता के यूनीफॉर्म में कोर्ट में मौजूद होते हैं।
हाल ही में 11 जनवरी 2019 को 2 जी ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम अपने वकील के यूनीफॉर्म में कोर्ट में मौजूद थे। जबकि वह खुद एयरसेल-मैक्सिस मामले में आरोपी हैं। सबसे खास बात ये है कि उनकी अग्रिम जमानत के लिए दो वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे थे। ध्यान रहे कि पी चिदंबरम के अग्रिम जमानत की याचिका को सीबीआई और ईडी ने चुनौती दी थी। अब सवाल उठता है कि जब वे एक आरोपी तथा याचक के रूप में उपस्थित थे, तो फिर वरिष्ठ अधिवक्ता के ड्रेस में कोर्ट में क्यों आए थे? एक वरिष्ठ अधिवक्ता की इस प्रकार की हरकत अनैतिक नहीं तो और क्या है।
URL : Complaint against chidambaram couple for misusing his post in court!
Keyword: p chidambaram, supreme court, CJI, CBI, ED, IT