पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पांच साल के शानदार शासन को देख कांग्रेस खुद भी सत्ता में आने की आस छोड़ चुकी थी। लेकिन कांग्रेस और उसके पत्रकारों के षड्यंत्र के तहत फेक न्यूज फैलकर 2004 में हुए लोकसभा चुनाव जीतने में सफल हो गई। इसके बाद तो कांग्रेस के लिए यह एक ट्रेंड सा बन गया। कोई भी झूठी खबर फैलाओ और सत्ता में आ जाओ उसका मूल मंत्र बन गया। भले ही चुनाव जीतने के बाद आरोपी को क्लीन चिट ही क्यों न मिल जाए। कांग्रेस का भाजपा और उसके नेताओं के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने का एक ट्रेंड सा चल पड़ा। अब जब कांग्रेस राफेल पर मुंह की खा चुकी है तो राहुल गांधी और कांग्रेस का इको सिस्टम नए फेक न्यूज फैलाने की तैयारी में है। तैयारी तो उसने राफेल के रूप में पहले ही कर ली थी, लेकिन उसका लाभ उसे पांच राज्यों के चुनाव में मिल चुका है। दूसरी बात यह कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल पर मोदी सरकार को क्लीन चिट देकर राहुल गांधी के इस चुनावी मुद्दा की हवा निकाल दी है। इसलिए कांग्रेस और उसके खरीददार गुलाम पत्रकार, साहित्यकार और बुद्धिजीवी एक बार फिर किसी नई फेक न्यूज फैलाकर मोदी सरकार के खिलाफ देश में हवा बनाने की तैयारी में हैं। इसलिए देश की जनता को कांग्रेस के फेक न्यूज से सावधान रहना चाहिए।
Spot the pattern ??
Vajpayee lost 2004 and then Coffin scam clean chit came
BJP lost Karnataka and then Yeddyurappa gets clean chit
Nitin Gadkari got Clean chit by UPA govt after he stepped down
BJP loses MP, RJ, CG and then Rafale deal clean chit from SC comes pic.twitter.com/2nQfKoBD61
— Rishi Bagree (@rishibagree) December 18, 2018
साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कोई यह नहीं सोच रहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी दोबारा सत्ता में नहीं आएंगे। क्योंकि पिछले पांच साल का उनका काम और कारगिल युद्ध में देश को दिलाई विजय उनके पक्ष में थी। जिस पाकिस्तान विजय के कारण इंदिरा गांधी दोबारा देश की प्रधानमंत्री बनी, वही विजय वाजपेयी को कारगिल में मिली थी। लेकिन कांग्रेस और उसके पत्रकारों ने उसी कारगिल युद्ध के बाद वाजपेयी सरकार के दौरान रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नाडिंस के खिलाफ ताबूत घोटाले का झूठा आरोप लगाकर बदनाम करने की योजना बनाई। कांग्रेस वाजपेयी सरकार को बदनाम तो नहीं कर पाई क्योंकि बाद में कोर्ट ने ही इस मामले में वाजपेयी सरकार को क्लीन चिट दे दी। लेकिन वाजपेयी की सरकार दोबार सत्ता में नहीं आई। यानि कांग्रेस एक झूठा आरोप लगाकर 2004 में सत्ता में आ गई। इसके बाद से तो कांग्रेस का यह ट्रेंड बन गया।
वह चाहे बिहार का विधानसभा चुनाव हो या कर्नाटक का चुनाव हो, नीतिन गडकड़ी को अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा हो या हाल में पांच राज्यों के हुए चुनाव में भाजपा की हार हो। हर चुनाव से पहले कांग्रेस और उनके पत्रकारों द्वारा एक झूठ खड़ा किया गया है और चुनाव परिणाम आने के बाद उस आरोप की हवा निकल जाती है। इस ट्रेंड को देखकर कोर्ट पर भी सवाल खड़ा होता है। आखिर कोर्ट फैसला चुनाव परिणाम के बाद ही क्यों सुनाता है?
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी यही हुआ। चुनावी हवा भाजपा के पक्ष में बह रही थी, लेकिन कांग्रेस और उसके पत्रकार, साहित्यकार और बुद्धिजीवियों ने लव जिहाद और गोमांश को लेकर सम्मान वापसी का वह बवाल मचाया कि भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। चुनाव परिणाम सामने आने के बाद सम्मान वापसी करने वाले कहां गए किसी को कुछ पता नहीं। अब जबकि लालू यादव से नाराज नीतीश कुमार ने उनका साथ छोड़कर फिर से भाजपा के साथ शासन चला रहे हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस यदुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर बवाल मचाया था। लेकिन चुनाव परिणाम भाजपा के खिलाफ आने के साथ ही कोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दे दी।
कांग्रेस ने तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकड़ी को भी नहीं छोड़ा। कांग्रेस ने नितिन गडकड़ी पर भ्रष्टाचार का झूठा आरोप लगाकर उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने पर मजबूर कर दिया। गडकड़ी ने जैसे ही अपने पद से त्यागपत्र दिया, उन्हें कोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोप से बाइज्जत बरी कर दिया।
ये तो हुई कुछ पुरानी बात। कांग्रेस ने तो हाल ही में मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए उस राफेल डील के मामले में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिया। इसी आरोप से राहुल गांधी को एक प्रकार से राजनीतिक जीवनदान भी मिला है। मृत्यु सैय्या पर जा चुकी कांग्रेस ने एक बार फिर झूठे आरोप के सहारे न केवल अपने अध्यक्ष राहुल गांधी को बचाने में सफल रही है बल्कि तीन राज्यों में सत्ता में आने में सफल हुई है। इस मामले को भी गौर से देखिये तो पता चल जाएगा कि इस मामले में कांग्रेस का पिछला ट्रेंड दिखने को मिला है। पांच राज्यों में चुनाव होने की घोषणा से पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मामले में मोदी सरकार पर झूठा आरोप लगाकर देश में हवा बनाने की कोशिश की। जैसे ही चुनाव परिणाम कांग्रेस के हक में गया उसी राफेल मामले में मोदी सरकार को क्लीन चिट मिल गई।
कांग्रेस, उसके दरवारी पत्रकार, साहित्यकार, बुद्धिजीवी और कोर्ट के इस ट्रेंड को देखते हुए दावे के साथ कहा जा सकता है कि कांग्रेस एक बार फिर लोक सभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के खिलाफ कोई झूठा आरोप लगाकर देश में उसके खिलाफ हवा बनाने की कोशिश करेगी।
प्वाइंट वाइज समझिए
कांग्रेस को झूठ ने उबारा
* कांग्रेस हमेशा झूठ के सहारे सत्ता में आती रही है
* कांग्रेस चुनाव से पहले सरकार को बदनाम की करती है कोशिश
* अपने इस षड्यंत्र से सत्ता में आने में सफल होती रही है कांग्रेस
* 2004 में वायपेयी सरकार पर लगाया था ताबूत घोटाले का झूठा आरोप
* बिहार चुनाव में कांग्रेस ने खड़ा कराया था अवार्ड वापसी का बवंडर
* कर्नाटक चुनाव से पहले भाजपा नेता यदुरप्पा पर लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
* नितिन गडकड़ी के खिलाफ आरोप लगाकर उन्हें पद छोड़ने को किया था मजबूर
* राफेल डील पर झूठा आरोप लगाकर तीन राज्यों में दर्ज कर ली अपनी जीत
* जबकि कांग्रेस के सारे आरोप सुप्रीम कोर्ट में झूठे साबित हो चुके हैं
* हर आरोप में चुनाव परिणाम के बाद कोर्ट से भाजपा को मिली है क्लीन चिट
* कांग्रेस के इस ट्रेंड को देखकर ही उसे झूठी पार्टी कहा जाने लगा है
* 2019 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार पर फिर लगा सकती है झूठा आरोप
0URL : congress can make false allegation against modi govt befor election!
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