जो काशी विश्वविद्यालय कभी बौद्धिकता का केंद्र माना जाता था आज बवाल का पर्याय बन चुका है। आए दिन बाहरी उपद्रवियों के कारण यहां शिक्षा और शैक्षणिक माहौल बिगड़ता रहता है। एक बार फिर बाहरी उपद्रवियों के कारण बीएचयू को 28 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। बीएचयू में हालिया बवाल जूनियर डॉक्टरों और छात्रों के बीच विवाद को लेकर हुआ है। विश्वविद्यालय में सोमवार रात से लेकर मंगलवार की सुबह तक हुई आगजनी, पथराव और बवाल के कारण प्रशासन को तीन दिनों के लिए विश्वविद्यालय को बंद करना पड़ा।
हालांकि तत्काल बवाल को बंद करने के लिए विश्वविद्यालय ने सात छात्रावासों को खाली करा लिया गया है। लेकिन खाली कराने के दौरान छात्रावासों की छतो तथा बालकनी में बियर की खाली बोतल और पत्थरों के ढेर मिले हैं! इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि छात्रों के वेश में कुछ गुंडे इस विश्वविद्यालय में अराजकता फैलाना चाहते हैं! यह किसी से छिपा नहीं है कि छात्रों के वेश में गुंडे कब से और किसके राज में यहां घर कर बैठे हुए हैं? छात्रावासों को खाली कराना तात्कालिक निदान हो सकता है लेकिन यहां के डॉक्टरों को सार्वकालिक निजात की जरूरत है। यह तब तक नहीं हो सकता जब तक प्रशासन में उनका बहुमत नहीं होगा।
मुख्य बिंदु
* बीएचयू में छात्रों के वेश में काफी दिनों से पल रहे गुंडों के उपद्रव से परेशान हैं यहां के डॉक्टर
* जो पढ़ाई के नाम पर राजनीति के लिए बवाल करते हैं उनकी शिनाख्त कर निकाल बाहर करना चाहिए
In the light of recent attacks on BHU medical students I propose that the administration majority should be doctors.
Only a doctor can understand the needs of the hospital.
Done through a transparent voting system.
And not a highly politicized post#MedicosUnsafeInBHU
— Aditi Agrawal (@AditiAg28789304) September 26, 2018
बीएचयू में दिन-ब-दिन डॉक्टरों तथा कनिष्ठ डॉक्टरों पर हमला बढ़ता ही जा रहा है। लगातार बढ़ते हमले की वजह से ही एसएस हॉस्पिटल के स्टाफ तथा छात्र खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। वहां के छात्रो, डॉक्टरों तथा स्टाफ को समय-समय पर पीट दिया जाता है, वे बेघर कर दिए जाते हैं और बीएचयू प्रशासन मूक दर्शक बना रहता है। बीएचयू प्रशासन भी उनका साथ न देकर उपद्रवियों का साथ खड़े दिखाई देते हैं। जब भी कोई नया कुलपति वहां के गुंडानुमा छात्र और शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस दिखाते हैं उनके खिलाफ बौद्धिक षड्यंत्र शुरू हो जाता है।
When the utmost tragedy has befallen upon those of the most respected profession of all, right in your constituency @narendramodi
BHU is crying out for your support and prompt action.@JPNadda #MedicosUnsafeInBHU#MedicosUnsafeInIndia pic.twitter.com/MBBDWcF5F8
— Aneesha Tarachandani (@anee_tara) September 26, 2018
बीएचयू के डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार और हमले की घटनाएं अब अति पर पहुंच गई है। इसलिए अब राज्य और केंद्र सरकार दोनों की जिम्मेदारी बनती है कि वे विश्वविद्यालय में सालों से जड़ जमाए उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे!
URL: Conspiracy to defame BHU by instigating violence repeatedly
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