अर्चना कुमारी। हिंदूवादी नेता और संत व महंत आदि लगातार इस्लामी आतंकियों के निशाने पर है। आतंकी संगठन आईएस का पुणे माड्यूल गाजियाबाद के डासना स्थित शिव शक्ति धाम मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद व कई हिंदूवादी नेताओं की हत्या की साजिश रच रहा था। इस तरह का खुलासा अलीगढ़ से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक से पूछताछ में हुआ है। फिलहाल दोनों को रिमांड पर अलीगढ़ लेकर गई एटीएस ने एक पिस्टल, पांच कारतूस व कुछ इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस बरामद किए हैं। इनमें जिहादी साहित्य भी शामिल हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक यति नरसिंहानंद को मारने के लिए इस माड्यूल के सदस्यों ने रेकी भी की थी। उनकी योजना जल्द मरने की थी। इस खुलासे के बाद माज की निशानदेही पर बरामद इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इस बीच दोनों की रिमांड सोमवार को खत्म हो गई। एटीएस दोनों को फिर से रिमांड पर लेने के लिए अदालत से अनुरोध करने वाली है। माड्यूल के मास्टरमाइंड प्रो. वजीहुद्दीन, संभल व अलीगढ़ से गिरफ्तार चार अन्य संदिग्ध व दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में शाहनवाज व रिजवान से भी पूछताछ होगी। ज्ञात हो यूपी एटीएस स्टूडेंट्स ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (सामू) संगठन की गहनता से छानबीन कर रही है।
इसके कितने सदस्य हैं और उनमें से कौन वजीहुद्दीन के संपर्क में था। इसका पता लगाया जा रहा है। एटीएस के अधिकारी इस संगठन का पूरा प्रोफाइल पता करके हर सूचना को केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा कर रहे हैं। पता लगाया जा रहा है कि पुणे माड्यूल के सदस्य शाहनवाज व रिजवान का इस संगठन से क्या वास्ता था और वे अलीगढ़ में कई महीनों तक क्यों ठहरे थे। सनद रहे महंत नरसिंहानंद हिंदू हित की बार करते है लेकिन उन्हें विवादित कहा जाता रहा है।
उन्होंने उप्र शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे वसीम रिजवी का धर्मांतरण कराया था। आरोप है हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में नरसिंहानंद और वसीम रिजवी ने भाषण दिए। इसके बाद दोनों गिरफ्तार हुए थे। उनके खिलाफ अक्तूबर 2019 में सीतापुर में विवादित भाषण देने का मुकदमा दर्ज है। यह भाषण उन्होंने हिंदू समाज पार्टी के कमलेश तिवारी की लखनऊ में हत्या के बाद दिया था। उनको पहले भी इस्लामी आतंकी टारगेट कर चुके है। इसके बावजूद वो हिंदुओ पक्ष की बात करते रहे है।