सीबीआई से हटाकर फायर ब्रिगेड में भेजे जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे देने वाले सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ एक साथ कई मामले की जांच शुरू होने जा रही है। इस मामले में सीवीसी ने सीबीआई को आलोक वर्मा के खिलाफ दर्ज सारे आपराधिक मामले की जांच करने को कहा है। मालूम हो कि आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना की आपसी लड़ाई के कारण सीबीआई की जगहसाई हो रही थी। इस जगहसाई को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कठोर फैसले लेते हुए तत्कालीन दोनों शीर्ष अधिकारियों को बलात छुट्टी पर भेज दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपने पद पर आने वाले सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को सीवीसी की रिपोर्ट के आधार पर चयन समिति ने सीबीआई के निदेशक पद से हटाकर फायर ब्रिगेड में भेज दिया था। इसके बाद आलोक वर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ध्यान रहे कि सरकार ने वर्मा का इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया है। सरकार चाहती है कि उनके अपराधिक मामले की जांच के आधार पर पर्सनल विभाग कार्रवाई करे।
आलोक वर्मा प्रकरण के बाद इसी महीने केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सीबीआई से अपने पूर्व निदेशक के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को कहा है। मालूम हो कि सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा पर सना सतीश बाबू द्वारा घूस देने का आरोप है। इस मामले में डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेडिंग विभाग भी उनके खिलाफ अनुशासनात्कम प्रक्रिया शुरू करन वाला है।
गौरतलब है कि आलोक वर्मा पर लगे सारे आरोप की जानकारी केंद्रिया सतर्कता आयोग नवंबर में ही सुप्रीम कोर्ट को सौप चुका है। मालूम हो कि आलोक वर्मा पर सतीश सना बाबू से करीब दो करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप है।
सीबीआई के निदेशक पद से हटाकर फायर ब्रिगेड में तबादला करने के बाद आलोक वर्मा ने जैसे ही नौकरी से इस्तीफा देने का फैसला किया वैसे ही पता चल गया कि दाल में कुछ काला है। क्योंकि आलोक वर्मा के रिटायर होने में चंद ही दिन बचे थे। ऐसे में इस्तीफा देना शक जाहिर करता है। अब यह साफ हो गया है कि आलोक वर्मा के खिलाफ डिपार्टमेंटल जांच शुरू होने वाली थी। क्योंकि किसी ने आलोक वर्मा के खिलाफ डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेडिंग में उनके खिलाफ दो करोड़ रुपये घूस लेने की शिकायत कर दी थी। यह जानकारी डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेडिंग के ही अधिकारियों ने दी है। उन्होंने यह जानकारी नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर दी है।
इससे साफ जाहिर होता है कि आलोक वर्मा डिपार्टमेंटल जांच से पीछा छुड़ाने के लिए ही ईस्तीफा दिया है। लेकिन सरकार ने उनका ईस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। इससे आने वाले दिनों में आलोक वर्मा की दिक्कते अपनी वजह से बढ़ने वाली है।
URL : cvc asks cbi to take action against alok verma in corruption case!
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