अर्चना कुमारी। साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए बिहार में 44 शहरों में साइबर थाना खोला गया है।साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को लेकर यह पहल की गई है और कयास लगाया जा रहा है कि इससे साइबर क्राइम पर रोकथाम हो पाएगा। माना जा रहा है अब साइबर थाना खुलने से साइबर समस्याओं को सॉल्व करने में काफी सहूलियत होगी।
जल्द से ऐसे मामलों को सुलझाया जा सकेगा। बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि साइबर पुलिस थाना खोले जाने के बाद ऑनलाइन अकाउंट से पेमेंट निकालने, एटीएम फ्रॉड और सोशल मीडिया के माध्यम से किसी वारदात को अंजाम देने जैसे किसी भी साइबर क्राइम से जुड़े मामलों में अब पुलिस की एक्सपर्ट टीम काम करेगी।
इसके साइबर क्राइम से जुड़े हर मामले में साइबर सेल की टीम अलग से इन्वेस्टिगेशन करेगी। जिस तरह से पूरे भारत में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं, उसको लेकर यह थाना कारगर सिद्ध होगा। बताया जाता है कि बिहार में भी साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में पुलिस को शिकायत देने पर कई सप्ताह या महीनों तक उन नंबरों या कंप्यूटर्स की डिटेल ही नहीं ली जाती है, जिन्हें अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज किया जाता है।
जांच के लिए साइबर सेल में भेजा जाता है। वहां से उस वारदात से जुड़े कंप्यूटर, मोबाइल नंबर का पता किया जाता है। इसमें कई दिनाें का समय लग जाता है, लेकिन अब साइबर क्राइम से जुड़े हर मामले को किसी भी पुलिस थाने में दर्ज करने के बाद यहां साइबर क्राइम पुलिस थाने में ट्रांसफर किया जाएगा। यहां आईटी, ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड, एटीएम फ्रॉड, ईमेल का इस्तेमाल करना, फेसबुक से जुड़े हर मामले की इन्वेस्टिगेशन यहां की जाएगी।
बिहार के पटना में पहला साइबर थाने का उद्घाटन पटना के आईजी राकेश राठी ने किया और बताया जाता है कि अन्य जिलों में भी साइबर थाना काम करना शुरू कर दिया है। पटना के बेली रोड में साइबर थाना खोला गया और जहां डीएसपी स्तर के अधिकारी को लगाया गया । सूत्रों का कहना है कि
इस अवसर पर पटना के आईजी ने लोगों से अपील किया कि जैसे ही आपके साथ साइबर फ्रॉड की जानकारी मिले आप तत्काल थाना में आकर इसका शिकायत दर्ज कराएं । बताया जाता है कि प्रत्येक साइबर थाने में एक डीएसपी, चार इंस्पेक्टर समेत कुल 15 पुलिसकर्मी की तैनाती की गई और साइबर पुलिस थाना का काम साइबर एफआईआर, अनुसंधान और छापेमारी करने के अलावा जागरूकता फैलाना का है