अर्चना कुमारी। भारत विरोधी गतिविधि में शामिल और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस के कुख्यात खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में सड़क दुर्घटना में मौत होने का कथित तौर पर दावा किया गया। बताया जाता है कि हादसा अमेरिका के हाईवे 101 पर पन्नू की कार का एक्सीडेंट हुआ और इस हादसे में उसकी जान चली गई।
पंजाब में खालिस्तान की मांग करने वाला पन्नू पिछले कुछ समय से अंडरग्राउंड था। पिछले कुछ महीनों से उसे भय सता रहा था कि पाकिस्तान में परमजीत सिंह पंजवड़ और कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और ब्रिटेन मे अवतार सिंह खांडा की जिस तरह मौत हुई ऐसा शिकार वह खुद ना हो जाए इसलिए अपने मोबाइल को भी बंद रखता था।
सूत्रों का कहना है कि अमृतसर के खानकोट गांव का रहने वाला पन्नू देश विरोधी अभियान के लिए भारत छोड़कर विदेश चला गया। वहां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के इशारे पर खालिस्तानी मंसूबों को पूरा करने में जुट गया। वह अमेरिका के अलावा इंग्लैंड और कनाडा में अपने संगठन के जरिए भारत विरोधी प्रोपेगंडा चलाता रहा। खालिस्तान की मांग के नाम पर वीडियो जारी कर वह पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिश में जुटा हुआ हुआ था।
भारत की एजेंसियों को बदनाम कर उन पर दबाव बनाने की कोशिश करता था।हाल ही में उसने खालिस्तान समर्थकों की हत्या के बाद इसके लिए कनाडा और अमेरिका में भारतीय दूतावास के अफसरों को जिम्मेदार ठहराते हुए वीडियो भी जारी किया था। यह पन्नू बब्बर खालसा इंटरनेशनल के परमजीत सिंह पम्मा, कनाडा में रहने वाले हरदीप सिंह निज्जर और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के मलकीत सिंह फौजी के संपर्क में था और अक्सर भारत विरोधी बयान देता रहा था।
गुरपतवंत पन्नू अमेरिका में बैठकर पिछले लंबे समय से ‘पंजाब रेफरेंडम 2020’ नाम से खालिस्तानी आंदोलन चला रहा था। यहां वह सिखों को उकसाने की कोशिश कर रहा था। सिखों को खालिस्तान मुहिम से जोड़ने के लिए पन्नू सोशल मीडिया का सहारा लेता था। पन्नू के लिए खालिस्तानी नारे लिखने के लिए वह फंडिंग भी करता था।