अर्चना कुमारी। कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 के दंगों के दौरान दंगा और आगजनी की अलग-अलग घटनाओं की 27 शिकायतों को गलत तरीके से और लापरवाही पूर्वक ढंग से पहले से दर्ज एक प्राथमिकी के साथ जोडने को लेकर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है।
सूत्रों का कहना है कि वही कोर्ट ने मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अतिरिक्त शिकायतों की ठीक से पड़ताल की जाए। कोर्ट का यह आदेश मामले में शामिल तीन आरोपियों को बरी करते हुए आया , जिन्हें प्राथमिकी में आरोपी के रूप में शामिल किया गया था जिसमें दंगा और आगजनी के अपराधों से संबंधित 27 शिकायतों को जोड़ा गया था।
अकील अहमद, रहीश खान और इरशाद पर दंगों के दौरान जय श्री राम का नारा लगाते हुए 24 फरवरी, 2020 को चंदू नगर में शिकायतकर्ता की दुकान लूटने और उसमें आग लगाने वाली उग्र भीड़ का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था।कोर्ट ने कहा कि इन आरोपियों के खिलाफ संदेह से परे है और इन पर आरोप साबित नहीं हुए हैं।