उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान 25 वर्षीय मुस्लिम युवक इरफान की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने कड़कड़डूमा अदालत में आरोप-पत्र दाख़िल किया है। इसमें हत्या के आरोपियों में ब्रह्मपुरी मंडल से एक दक्षिणपंथी पार्टी के महामंत्री रहे बृजमोहन शर्मा का भी नाम शामिल है। बृजमोहन शर्मा के पिता हरीश चंद्र शर्मा भी नेता रहे हैं। उनका साफ कहना है कि उनके बेटे को दंगों में जानबूझकर फंसाया गया है।
चार्जशीट में ना तो अभियुक्त ताहिर हुसैन के संबंध में और ना ही बृजमोहन शर्मा के संबंध में किसी पार्टी का ज़िक्र किया है।
दूसरी तरफ बृजमोहन का परिवार इस संबंध में स्थानीय पुलिस पर साजिश रचने का आरोप लगा रहा है। उन लोगों ने पुलिस प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाते हुए निष्पक्ष जांच किए जाने की मांग की है।
पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक़, बृजमोहन शर्मा ने 25 साल के युवक इरफ़ान की हत्या करने वाली भीड़ का नेतृत्व किया था। इस बाबत 27 फरवरी को न्यू उस्मानपुर थाने में दर्ज एफ़आईआर के मुताबिक़, इरफ़ान को बुरी तरह घायल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ 26 फरवरी को उसकी मौत हो गई थी।
पुलिस ने इस सिलसिले में धारा 147, 148, 149, 308 और 302 के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में वैसे तो कई गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे, लेकिन सबसे अहम इरफ़ान की माँ का बयान था। इरफ़ान की माँ ने हमलावरों में से बृजमोहन शर्मा उर्फ गब्बर और सन्नी उर्फ लाला को पहचान का दावा किया है।
इस आरोप के बाद बृजमोहन को 28 मार्च को गिरफ़्तार किया गया था और वह अभी जेल में है। इरफ़ान की माँ कुरेशा का आरोप था कि इरफ़ान दूध और दवाई लेने गया था और जब घर वापस आ रहा तब उसे भीड़ ने दबोच लिया। उस भीड़ का नेतृत्व बृजमोहन उर्फ गब्बर और सन्नी कर रहे थे। भीड़ ने रॉड, बैट और डंडे आदि से इरफ़ान की पिटाई की और फरार हो गए।
आरोप-पत्र में शिकायतकर्ता सहायक सब-इंस्पेक्टर नौशाद हैदर के हवाले से कहा गया है कि इरफान को जग प्रवेश अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में इरफान की मां और तीन स्थानीय निवासियों के साथ 28 लोगों को गवाह बनाया है।
इस आरोप पर ब्रजमोहन शर्मा के पिता का कहना है कि उसे फंसाया गया है। उन्होंने दावा किया कि ‘दंगों से पहले दो स्थानीय पुलिसकर्मियों ने कंस्ट्रक्शन के काम की मंजूरी के लिए दो परिवारों से पैसे की मांग की थी। इस बात की जानकारी उनके बेटे को भी हुई और मेरे बेटे ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। एक माह बाद जब दंगे हुए तो उन्होंने मेरे बेटे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। स्थानीय पुलिसकर्मियों ने हमारे राजनैतिक प्रतिद्वंदी के साथ मिलकर मेरे बेटे को फंसाया है। वह तो घटना के वक्त घर में मौजूद था। उसका दंगे से कोई लेना देना नहीं है।’
इरफान की हत्या में शामिल होने के आरोपी बृजमोहन शर्मा के साथ सनी उर्फ लाला भी पकड़ा गया था। आरोपी सन्नी के भाई जितेंद्र सिंह ने दावा किया कि ‘घटना के दौरान मेरा भाई घर में था और वह इरफान की मदद करने के लिए पहुंचा था। यहां तक कि उसे अस्पताल ले जाने के लिए मेरे भाई ने ही ऑटोरिक्शा मंगाई थी। इसके बावजूद उसका नाम प्राथमिकी में जोड़ दिया गया जबकि उसके भाई का इस घटना से कोई लेना देना नहीं है।’
यह गहरे जांच का विषय है कि स्थानीय पुलिस ने बृजमोहन और सनी का नाम दंगे में जानबूझकर जोड़ा या फिर दोनों सचमुच इरफान की हत्या में शामिल थे। क्रमशः