दिल्ली दंगों को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस ने जांच में पाया है कि दिल्ली हिंसा को लेकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई तथा खालिस्तान समर्थक नेताओं में गठजोड़ हुआ था और दोनों ने मिलकर नागरिक कानून का विरोध करने वालों के साथ दिल्ली को दहलाने की साजिश तैयार की थी।
स्पेशल सेल की ओर से दंगा मामलों में दाखिल आरोप-पत्र में एक आरोपी ने अपने डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में खालिस्तान आंदोलन के तीन समर्थकों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का नाम लिया है, जिसके आधार पर यह खुलासा हुआ।
दिल्ली दंगों को लेकर UAPA के तहत गिरफ्तार किए जा चुके आरोपी अतहर खान ने बयान दिया है कि उसे इस गठजोड़ का पता था। आरोपी अख्तर खान ने पुलिस को कहा कि उसके एक परिचित रिजवान सिद्दीकी ने 10-11 फरवरी को उसे और अन्य लोगों को बताया कि वह शाहीन बाग विरोध स्थल पर खालिस्तान आंदोलन समर्थक बागीचा सिंह और लवप्रीत सिंह से मिला था, जो भारत के खिलाफ चलाए जा रहे मिशन के लिए काम करते थे।
अतहर खान ने आगे बताया, बागीचा सिंह और लवप्रीत सिंह ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन पाने का दावा किया और उन लोगों से कहा कि एजेंसी आईएसआई ने संदेश दिया है कि खालिस्तान समर्थकों को सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करना चाहिए और सरकार के खिलाफ उनकी लड़ाई में लोगों की मदद करनी चाहिए।
रिजवान ने हमें बताया कि इन लोगों (खालिस्तान आंदोलन समर्थकों) ने हमें दंगों का समर्थन देने का वादा किया है और अपने एक आदमी को हमारे विरोध स्थल पर भेजेंगे। करीब 8-10 दिनों के बाद एक जबरजंग सिंह नामक व्यक्ति चांद बाग विरोध स्थल पर आया और कहा कि उसे बागीचा सिंह ने भेजा है। उसने सरकार के खिलाफ भाषण भी दिया।
दिल्ली के चांद बाग़ इलाके में रहने वाले अतहर ख़ान भी दंगों के भड़काने में आगे रहे थे और उन्हें दंगों के पीछे साजिश रचने से संबंधित मामले में 2 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अतहर खान से दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने कई दौर की पूछताछ की थी और उसने दंगे में हाथ होना कबूल किया था। बाद में उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर औपचारिक गिरफ्तारी कर ली गई।
कानून के जानकारों का मानना है कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम के मुताबिक, इन बयानों का प्रयोग केवल विरोधाभासों को साबित करने के लिए किया जा सकता है और आपराधिक मामलों में आरोपियों के खिलाफ प्रयोग नहीं किया जा सकता। 25 वर्षीय अतहर खान इन दिनों जेल में बंद है और उसने यह बयान 25 अगस्त को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को दिया था।
दिल्ली पुलिस ने जो पिछले दिनों अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है उसमें इस बात की चर्चा की गई है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि दंगाई अतहर खान का यह बयान 16 सितंबर को यूएपीए, भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के नुकसान की रोकथाम की विभिन्न धाराओं के तहत 14 अन्य अभियुक्तों द्वारा दायर की गई आरोप पत्र का हिस्सा है।
इसके अलावा इस आरोप पत्र में ताहिर हुसैन, सफूरा ज़रगर, गुलफिशा खातून, देवांगना कलिता, शफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, नताशा नरवाल, अब्दुल खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, शादाब अहमद, तल्सीम अहमद, आदि का नाम शामिल है। इस आरोप पत्र में ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया गया है। जबकि उमर खालिद और सरजील इमाम जैसे अन्य आरोपियों के खिलाफ अभी पूरक आरोप पत्र अदालत मेंं दाखिल किया जाना बाकी है।