अर्चना कुमारी। प्रयागराज में एक दिव्यांग पुजारी की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई। मारने से पहले उनके हाथ-पैर बांध दिए गए। इसके बाद आशंका है कि गला घोंट कर पुजारी की हत्या की गई। सोमवार सुबह 7 बजे आनापुर पुलिस चौकी के पास राम जानकी मंदिर में उनका शव मिला था।मौके पर पुलिस पहुंची। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। मौके पर फोरेंसिक और डॉग स्क्वायड ने पड़ताल की और सबूत जुटाई। लेकिन हत्यारे का पता नही चल पाया ।
हत्या किसने और क्यों की, इसकी जांच जारी है। पुलिस ने बताया पुजारी मणिंद्र मणि त्रिपाठी राम जानकी मंदिर में पूजा पाठ करते थे। अनापुर पुलिस चौकी के पास राम जानकी मंदिर है। इस मंदिर में 48 साल के पुजारी मणिंद्र मणि त्रिपाठी दोनों पैर से दिव्यांग थे। वह मूल रूप से बिहार के सीवान जिले के रहने वाले थे। करीब 25 साल से वह इस मंदिर में पूजा-पाठ कर रहे थे।इसके साथ ही मंदिर की देखभाल भी करते थे। सोमवार सुबह आस-पड़ोस के लोगों को मंदिर परिसर में पुजारी नहीं दिखे।
लोगों ने मंदिर के अंदर जाकर देखा, तो उनकी लाश मिली। अंगौछे से उनके हाथ-पैर बंधे थे। इंस्पेक्टर नवाबगंज अनूप सिंह कहना है पुलिस को सुबह 7 बजे पुजारी की डेडबॉडी मिलने की सूचना मिली थी। इसके बाद मौके पर जाकर जांच पड़ताल की गई है। हत्या कैसे की गई है, इसका खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा।
फिलहाल घटनास्थल से सभी नमूने और साक्ष्य जुटाए गए हैं। पुलिस टीम इस घटना की पड़ताल कर रही है। विद्यालय प्रबंधन और आसपास के ग्रामीणों से भी इस संबंध में पूछताछ की गई है। वहा के लोगो का कहना है आनापुर स्टेट में दो मंदिर हैं। एक मंदिर सत्ती चौरा का है और दूसरा राम जानकी मंदिर है। सत्ती चौरा के मंदिर में 21 अगस्त, 2023 को चोरी का प्रयास हुआ था। हवेली में काम करने वालों की आवाज सुनकर चोर भाग गए थे।
3 चोर बेशकीमती कस्कुट की राम जानकी की मूर्तियां चुराने आए थे। ये मूर्तियां काफी कीमती हैं।इसके बाद एक अक्टूबर 2023 की रात चोरों ने फिर राम और सीता की मूर्तियां चुराने का प्रयास किया। चोरों ने मूलरूप से बिहार के सीवान में मझिलवा के रहने वाले पुजारी मणींद्र मणि त्रिपाठी के हाथ-पैर और मुंह बांध दिया।इसके बाद राम-जानकी की मूर्ति चोरों ने काटकर नीचे उतार दी थी। लक्ष्मण जी की मूर्ति को छेनी-हथौड़ी से जड़ से काटने की कोशिश कर रहे थे।
अनुमान है कि तभी पुजारी की दम घुटने से मौत हो गई और चोर मूर्तियां भी नहीं ले जा पाए। स्टेट के शिवांगी शरण सिंह का कहना है वजन ज्यादा होने के कारण चोर राम-जानकी की मूर्तियां नहीं ले जा पाए। लेकिन, लड्डू गोपाल की एक फीट की मूर्ति उठा ले गए। एक अष्ट धातु की मूर्ति भी गायब है। इसके अलावा सोने-चांदी के जो भी सामान थे, चोर वो भी अपने साथ ले गए हैं।
उन्होंने बताया कि श्रृंगवेरपुर में गौरीशंकर संस्कृत महाविद्यालय में स्थित मंदर में भी 2014 में कन्हैया की मूर्ति भी चोर काट ले गए थे। इससे अंदेशा है चोरी में पुजारी की हत्या हुई लेकिन अभी जांच जारी है।