अर्चना कुमारी। गांधी के जन्म स्थल गुजरात के पोरबंदर में तीन मुस्लिम युवकों ने फिनाइल पीकर खुदकुशी की कोशिश की । तीनो अब अस्पताल में भर्ती है और इंस्टाग्राम पर वीडियो बना कर उन्होंने आरोप लगाया गया है कि उनके ही समुदाय के कुछ लोग उन्हें प्रताड़ित कर रहे ।
बताया जाता है तिरंगा को लेकर एक मौलवी ने फतवा जारी किया। इस फतवे को उन युवकों ने ख़ारिज कर दिया । इन तीनों मुस्लिम युवकों का आरोप है कि उन्हें इसी वजह से बदनाम किया जा रहा है। इतना ही नहीं उन्हें समाज से बाहर किए जाने की कोशिश भी चल रही है।
मुस्लिम तीनों लड़कों ने शरीयत कानून का हवाला देकर कहा मौलाना का फतवा गलत है, उसका आदेश सही नहीं है। बताया जाता है कि कुछ दिनों पहले मौलाना की एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी, जिसमें उसने कहा था कि मुस्लिमों को राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए लेकिन इसे सलामी देना ठीक नहीं है। मौलाना हाफिज वासिफ रज़ा के इस फैसले का विरोध करने कुछ मुस्लिम युवक उसके पास गए।उस ऑडियो क्लिप को लेकर मौलाना से इन युवकों ने सवाल पूछा।
बताया जा रहा है कि मौलाना ने तब कबूल किया कि ये आवाज उसकी ही है और उसने ही बयान दिया है। इस पर मुस्लिम युवकों ने उसे बताया कि पैगंबर मुहम्मद ने मुस्लिमों को देशभक्ति का सन्देश दिया है। इस ऑडियो के खिलाफ 2 अगस्त को विरोध प्रदर्शन भी किया गया था। मुस्लिम लड़कों को फसाने के लिए पुलिस में दी गई शिकायत में ‘दारुल उलूम संस्थान’ ने मौलाना के साथ मारपीट का आरोप लगाया ।साथ ही मौलाना और कुछ मुस्लिम नेताओं को जान से मारने की धमकी देने की बात भी शिकायत में कही ।
केस दर्ज होने के बाद शकाली कादरी, सोहेल इब्राहिम और इम्तियाज हारून ने इंस्टाग्राम पर अपना दर्द प्रकट करते हुए फिनाइल पी लिया। पोरबंदर के एसपी भगीरथ सिंह ने इस वीडियो को फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजे जाने की बात बताई है।
अब ‘दारुल उलूम इस ऑडियो क्लिप को फर्जी बता रहा ।क्लिप में मौलाना ने राष्ट्रगान गाने के खिलाफ भी फतवा जारी किया था। संस्था ने दावा किया है कि इन तीनों युवकों के खिलाफ पहले से ही केस दर्ज हैं और तिरंगा झंडा को लेकर मौलाना ने कुछ कहा ही नहीं है।