अर्चना कुमारी। स्वीडन और डेनमार्क में कुरान जलाने के बाद अब इस्लामिक मुल्क बांग्लादेश में ही दो मुसलमानों द्वारा कुरान जला दी गईं है। बताया जाता है कि एक स्कूल के प्रिंसिपल नुरूर रहमान और उनके सहयोगी महबूब आलम ने मिलकर कुरान जलाने की इस घटना को अंजाम दिया । पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार कर इसे लगभग 45 जली हुई कुरान की किताबें बरामद की।
इस घटना के बाद हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और इन दोनों आरोपियों को हत्या का भी प्रयास किया लेकिन उनकी जान किसी तरह बच गई। दावा किया गया है कि इस्लाम का प्रचार प्रसार जितना तेजी से हो रहा है ,उतना इसका विरोध भी हो रहा है, अब तो लोगों को यह जानने की कोशिश की जानी चाहिए कि आखिर क्यों लोग कुरान को जलाना चाहते हैं ।
बताया जाता है कि बांग्लादेश में पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों का कहना है कि कुरान की प्रतियाँ बहुत पुरानी और कुछ में प्रिंटिंग मिस्टेक थी। इसलिए उन्होंने उनमें आग लगा दी। पुलिस ने दोनों के पास से कुरान की जली हुई 45 प्रतियाँ जब्त की हैं। लेकिन इसके विरोध में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रबर की गोलियाँ और आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
सिलहट मेट्रोपोलिटन पुलिस आयुक्त मोहम्मद एलियास शरीफ का कहना है कि कुरान जलाए जाने को लेकर स्कूल के शिक्षक, छात्र व क्षेत्र के अन्य लोग प्रिंसिपल व अन्य नाराज थे। इसलिए भीड़ ने दोनों को घेरकर पिटाई कर दी। हालाँकि बाद में पुलिस ने दोनों को बचा लिया। इस दौरान गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर भी हमला किया।
हमले में 14 पुलिसकर्मी घायल हो गए। कुछ महीनों में यूरोपीय देश स्वीडन और डेनमार्क में कई बार कुरान जलाई गई है। कई इस्लामिक देश इसका विरोध करते हुए दोनों देशों की सरकारों से रोक लगाने व कार्रवाई करने की माँग कर चुके हैं। स्वीडन और डेनमार्क दोनों ही देशों का कहना है कि वह देश के कानून के चलते कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं।