आईएसडी नेटवर्क। पश्चिम बंगाल सरकार अब एक और फिल्म से परेशान है। निर्देशक सनोज मिश्रा द्वारा बनाई गई ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ का ट्रेलर रिलीज होने के बाद ममता सरकार ने एक्शन लेते हुए क़ानूनी नोटिस भेज दिया है। फिल्म निर्देशक को 30 मई को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। ममता सरकार के इस कदम के बाद फिल्म को मुफ्त प्रचार मिल गया है।
फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही ममता सरकार फिल्म के निर्देशक पर भड़क गई। इसके बाद फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा को एक लीगल नोटिस भेज दिया गया है। नोटिस में उन्हें पश्चिम बंगाल के एमहर्स्ट स्ट्रीट पीएस में जाकर पूछताछ का सामना करना होगा। बताया जा रहा है कि फिल्म में ममता सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई घटनाओं का विवरण प्रस्तुत किया गया है।
फिल्म में मुख्यमंत्री का महिला पात्र भी है। इस कैरेक्टर का व्यक्तित्व ममता बनर्जी से मिलता-जुलता है। सनोज को पूछताछ के लिए 41A की धारा के तहत नोटिस भेजा गया है। फिल्म को लेकर आईपीसी की कई धाराओं, आईटी एक्ट और सिनेमेटोग्राफ एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
ममता सरकार के इस कदम के बाद पश्चिम बंगाल में फिल्म रिलीज करना अब मुश्किल होगा क्योंकि ट्रेलर रिलीज होने के बाद ही एफआईआर कर दी गई है। फिल्म का विषय पूरी तरह से ममता सरकार पर केंद्रित है। फिल्म में हिन्दुओं के साथ हो रहे अन्याय को दिखाया गया है।
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि फिल्म के ट्रेलर को देखकर और पोस्टर देखकर ऐसा लगता है कि इस फिल्म के माध्यम से टीएमसी और ममता बनर्जी के इमेज को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। तृणमूल ने फिल्म को पूरी तरह भाजपा प्रायोजित फिल्म बता दिया है। केस दर्ज होने के बाद सनोज मिश्रा सामने आए हैं।
उन्होंने एक टीवी चैनल से की गई बातचीत में आशंका जाहिर करते हुए बताया कि उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है। सनोज ने कहा ‘मुझे सच बोलने की कीमत चुकानी पड़ रही है। मैं गलत नहीं हूं। सिनेमेटोग्राफी की धाराएं लगाई गई है, ऐसे जैसे कि मैं कोई आतंकवादी हूँ। मैं कोई देशद्रोही नहीं हूं मैं एक डायरेक्टर हूं और लेखक हूं।