महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर निलंबित पुलिसकर्मी सचिन को 100 करोड़ की वसूली का टारगेट देने का आरोप है। ऐसा आरोप पुलिस आयुक्त रहे परमवीर सिंह उन पर लगाया था। इस पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को इसकी जांच कर रिपोर्ट 15 दिन में पेश करने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए अनिल देशमुख तथा महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में भी गए लेकिन उन्हें वहां से राहत नहीं मिली और मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों पर सीबीआई ने बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से 11 घंटे से ज्यादा पूछताछ की।
सूत्रों का दावा है कि सीबीआई के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने मुंबई के डीआरडीओ गेस्ट हाउस में चालीस से ज्यादा सवाल किए। देशमुख ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को गलत बताया।
सूत्रों के मुताबिक, देशमुख ने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप राजनीतिक मकसद से लगाए गए हैं तथा उनका इस प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है। उनके जवाब को सुनकर सीबीआई के अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए और उनसे कई पूरक सवाल कर डालें।
इस पर अनिल देशमुख ने चुप्पी ओढ़ ली। सीबीआई का कहना है कि जरूरत पड़ने पर अनिल देशमुख से दोबारा पूछताछ की जाएगी। इस मामले को लेकर अब महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब से भी पूछताछ की जा सकती है।
सनद रहे कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने वकील जयश्री पाटिल की याचिका पर सीबीआई को आरोपों की जांच करके 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का आरोप है कि अनिल देशमुख ने एंटीलिया केस में आरोपी सचिन वझे को 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था।
इससे पहले सीबीआई अनिल देशमुख के दो निजी सचिव कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे से 10 घंटे पूछताछ की थी। दिल्ली से मुंबई आई सीबीआई की विशेष टीम सोमवार को इस मामले में मुंबई पुलिस के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर संजय पाटिल से 5 घंटे तक दोबारा पूछताछ की थी।
100 करोड़ वसूली मामले में सीबीआई ने कि अभी तक परमवीर सिंह, सचिन , पुलिस उपायुक्त राजू भुजबल, सहायक पुलिस आयुक्त संजय पाटिल, वकील जयश्री पाटिल और होटल मालिक मुकेश शेट्टी के बयान दर्ज कर चुकी है।