अर्चना कुमारी। कश्मीर में आतंक विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते एक डॉक्टर और एक पुलिसकर्मी सहित चार और सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया। दावा किया गया है, अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद से ऐसे आरोपों के तहत ही 50 से ज्यादा लोगों की नौकरी जा चुकी है जबकि इन लोगों पर आतंकियों से संबंध रखने, उनकी मदद करने और उनके लिए फंडिंग का इंतजाम करने के आरोप सही पाए गए।
जिन पर गाज गिरी है,उनमें श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में सहायक प्रोफेसर (मेडिसिन) निसार-उल-हसन, कांस्टेबल अब्दुल मजीद भट, उच्च शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला कर्मी अब्दुल सलाम राठेर और शिक्षा विभाग में शिक्षक फारुख अहमद मीर को भारत के संविधान के अनुच्छेद 11 के प्रावधानों के तहत बर्खास्त कर दिया गया है।
भारत के साथ गद्दारी कर रहा था मोहम्मद निसार अल हसन।
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 4 लोगों को नौकरी से निकाला, पाकिस्तान को दे रहे थे सूचना।
कांस्टेबल अब्दुल मजीद भट, अब्दुल सलाम , फारुख अहमद मीर ससपेंड।
— Panchjanya (@epanchjanya) November 23, 2023
पता चला है, पिछले तीन वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने संविधान की धारा 311 (2) (सी) का इस्तेमाल करते हुए 50 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त किया है और सारे लोग कथित तौर पर पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों की मदद कर रहे थे। इसके अलावा आतंकवादियों की विचारधारा का प्रचार कर रहे थे।
इतना ही नहीं धन जुटा रहे थे और अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे थे। सनद रहेजम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए सैन्य ऑपरेशनों के अलावा इस तरह से भी कार्रवाई की जा रही है ताकि बिना हथियार उठाए आतंकियों की मदद करने वाले लोगों को भी रोका जा सके और इस तरह की करवाई आगे भी जारी रहेगी।