अर्चना कुमारी। भारत देश में हरे टिड्डे जहां भी मौजूद हैं, वहां की कानून व्यवस्था को अक्सर चुनौती देते रहते हैं। देश की राजधानी के पूर्वी दिल्ली में स्थित पांडव नगर इलाके में पिकेट पर वाहनों की जांच कर रहे पुलिस कर्मियों पर इन लोगों ने कार चलाने की कोशिश की । किसी तरह एक सिपाही ने एक ओर कूदकर अपनी जान बचाई, लेकिन पुलिसकर्मी का वायरलेस सैट टूट गया।
बाद में वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने कुछ दूर पीछाकर आरोपियों का काबू किया। पुलिस का दावा है कि छानबीन की तो पता चला कि पकड़े गए तीनों आरोपी कुख्यात वाहन चोर हैं। इनकी पहचान गांव कलौली, कोतवाली देहात, बुलंदशहर निवासी आमिर उर्फ आमान, जावेद और गौतमबुद्ध नगर निवासी फिरोज उर्फ भूरा के रूप में हुई है।
पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन लग्जरी गाड़ियां, कार चोरी करने में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व अन्य सामान बरामद किया है। जांच में पता चला है कि आरोपी आमिर के खिलाफ वाहन चोरी के 21 मामले हैं। जबकि जांच में पता चला है छह दिसंबर को ही वह जेल से बाहर आया था। पुलिस ने बताया कि पांडव नगर थाने की टीम त्रिलोकपुरी -13 ब्लॉक में वाहन की जांच कर रहे थे।
मौके पर मौजूद वहां इंस्पेक्टर रणधीर सिंह अपनी टीम के साथ मौजूद थे। इस दौरान पिकेट पर उन्होंने एक कार को रुकने का इशारा किया। लेकिन कार चालक गाड़ी रोकने के बदले वहां मौजूद सिपाही यूनुस को कुचलने का प्रयास किया। बताया जाता है कि यूनुस ने एक ओर कूदकर अपनी जान बचाई। इसके बाद वहां मौजूद बाकी स्टाफ ने कुछ दूर पीछा कर कार को रुकवाया।
तलाशी के दौरान कार में तीन युवक सवार थे। छानबीन करने पर कार ज्योति नगर इलाके से चोरी मिली। इसके बाद आरोपियों को काबू कर थाने लाया गया। कार से कार चोरी करने वाले उपकरण व रिमोट वाली चाबियां भी बरामद हुई। बाद में इनकी निशानदेही पर पुलिस ने दो और कारें बरामद की। पूछताछ के दौरान आरोपी आमिर ने बताया कि वह पहले भी वाहन चोरी के कई मामलों में शामिल रहा है।
आरोपी जावेद ने बताया कि वह आमिर का लाइफ स्टाइल देखकर उससे प्रभावित हो गया था। उसने इसलिए उसके साथ काम शुरू किया। फिरोज और जावेद के खिलाफ पहले कोई मुकदमा दर्ज नहीं मिला है। चोरी की कारों को आरोपी उत्तर-पूर्वी राज्यों में बेच देते थे। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह इतना खतरनाक है कि कई बार गोली पुलिसकर्मियों पर चला देता है जबकि वाहन से कुचलने का भी प्रयास करता है।