अर्चना कुमारी। हरियाणा का मेवात एक मुस्लिम क्षेत्र है ,जहां पर हिंदुओं को जीने की आजादी नहीं है। सोमवार के दिन शोभायात्रा के दौरान मेवात में 1990 का कश्मीर दोहराने की थी साजिश की गई थी। शोभायात्रा में शामिल हजारों महिलाओं को जिहादियों ने घेर रखा था और उनके साथ बदसलूकी की गई।काफी देर में पुलिस मौके पर पहुंची जबकि बताया जाता है कि यदि अगर फोर्स नहीं आती तो बड़ी अनहोनी की साजिश थी। महिलाओं को फ़ोर्स ने इस्लामिक जिहादियों के कब्जे से छुड़ाया।
जान बचाने के लिए मंदिर में छुपी थी महिलाएं , जिहादियों ने चारों तरफ से मंदिर को घेर रखा था।मेवात में हिंसा को लेकर यह बात सामने आई है कि मुस्लिमों के द्वारा शोभायात्रा में शामिल हिंदुओं पर पहले हमला किया गया था लेकिन ट्विटर से लेकर अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक नाम चर्चित है और वह है मोनू मानेसर का, जिसे इस हिंसा के लिए कथित तौर पर जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बताया जाता है हिंदू संगठनों की तरफ से तय था कि ब्रजमंडल यात्रा निकाली जाएगी और इस यात्रा में शामिल होने के लिए गौ रक्षक मोनू मानेसर ने वीडियो शेयर कर यात्रा में अधिक से अधिक लोगों से पहुंचने की अपील की थी।
दावा किया गया है कि मोनू मानेसर की अपील से नाराज नूह के स्थानीय लोगों ने शोभा यात्रा पर हमला कर दिया लेकिन यह कौन सा तरीका है कि किसी की अपील खारिज करने के लिए उसके धर्म की यात्रा पर हमला किया जाए। बताया जाता है कि मेवात में रहने वाले लोग मोनू मानेसर से नाराज हैं क्योंकि ये वही मोनू मानेसर है जिसका नाम इसी साल फरवरी में जुनैद और नासिर की हत्या करने के मामले में सामने आया था।
जुनैद और नासिर के जले हुए शव भिवानी में एक कार के अंदर मिले थे और इस हत्या के लिए मोनू मानेसर को जिम्मेदार ठहराया गया। मृतक के परिजनों का कहना था कि दोनों को गौ तस्करी के आरोपों के चलते मारा गया और इसी बात को लेकर मेवात के रहने वाले लोगों में मोनू मानेसर के नाम से गुस्सा है। मेवात के मुस्लिम लोगों का कहना था कि मेवात में यात्रा काफी समय से निकाली जा रही है और इसको लेकर किसी को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन आपत्ति सिर्फ मोनू मानेसर के इस यात्रा में शामिल होने को लेकर है हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ है कि मोनू इस यात्रा में आया था या नहीं।
सूत्रों का दावा है मोनू मानेसर जिसका असली नाम मोहित यादव है, वो खुद को गौरक्षक बताता है। जबकि बताया जाता है कि उसका खुद का एक यूट्यूब चैनल भी है, जिसपर वो गो तस्करों को पकड़ने के अलावा अपने वीडियो डालता है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आठ साल पहले बजरंग दल से जुड़ने वाला मोनू गुरुग्राम के मानेसर का ही रहने वाला है और साल 2011 में बजरंग दल से जुड़ने वाला मोनू आज बजरंग दल प्रांत गोरक्षक प्रमुख है।
बताया जाता है कि मोनू मानेसर गौ तस्करी करने वाले के खिलाफ अभियान चलाता रहा है और साल 2019 में गोतस्करों को पकड़ते वक्त मोनू को गोली भी लग गई थी। बताया जाता है अपने चैनल पर मोनू गो हत्या और गो तस्करों के नेटवर्क को खत्म करने की खुली चेतावनी देता हैऔर इसके चलते मुस्लिम उससे नाराज रहते हैं।पलवल, झज्जर, पानीपत, सोनीपत, नूंह, रेवाड़ी, गुरुग्राम समेत राज्य के कई जिलों में मोनू के मुखबिरों का नेटवर्क हैऔर वह अपनी टीम के साथ गौ तस्करों पर नकेल कसने में जुटा हुआ है।