अर्चना कुमारी। उत्तर पूर्वी दिल्ली का सीलमपुर , जो मुस्लिम बहुल इलाके के तौर पर जाना जाता है। करीब 3 साल पहले यहां पर भीषण दंगे हुए थे ,जिसमें 53 लोग मारे गए थे। उस समय नागरिक संशोधन कानून विधेयक के विरोध की आड़ में मुस्लिमों ने यह जताने की कोशिश की थी कि वह हिंदुओं को औकात दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
एक-एक मुस्लिम को पता था कि नागरिक संशोधन कानून विधेयक में उनके खिलाफ कुछ भी नहीं है, इसके बावजूद वह सड़कों पर उतरे और कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए दंगे किए थे। सीलमपुर तथा आसपास के इलाके में रहने वाले हिंदू भयभीत होकर जीवन जीते हैं और इनका सुध लेने वाला कोई नहीं है।
कहने के लिए तो केंद्र में भाजपा की सरकार है और प्रदेश की कानून व्यवस्था दिल्ली पुलिस के अधीन है लेकिन राजधानी में इस्लामी गुंडों का आतंक सर चढ़कर बोल रहा है। हम लोग नामक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके बताया गया है कि किस तरह हिंदू लड़कियों को छेड़ने की कोशिश मुस्लिम आवारागर्दी युवकों ने उस समय की थी जब वह शिक्षिका के साथ एक पार्क में घूमने गई थी।
आवारागर्दी के लिए निकले ये लड़के मुस्लिम हैं, लड़कियां हिंदू हैं। पार्क में वे लड़कियों की वीडियो रिकॉर्डिंग करते और उनसे बात करने की कोशिश करते हुए पकड़े गए। वहां मौजूद शिक्षिका ने जब उन्हें रोका तो इन असभ्य लड़को ने विरोध करनेवाली शिक्षिका का मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की।
यह घटना पिछले दिनों दिल्ली के न्यू सीलमपुर रामा पार्क की है लेकिन सीलमपुर के किसी भी चौक चौराहा, पार्क, स्कूल तथा अन्य सार्वजनिक स्थल पर चले जाइए वहां पर हिंदू लड़कियां महफूज नहीं है। यह लड़के नशाखोरी तथा आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए अक्सर क्षेत्र में भ्रमण करते हैं वैसे भी मुस्लिम जहां बहुतायत संख्या में होते है वहां पर ही हिंदुओं का जीना नरक कर देते हैं जबकि हिंदू बहुल क्षेत्रों में रहने वाले मुस्लिम भाईचारा की दुहाई देते हुए खुद को सेकुलर बताने का विक्टिम कार्ड खेलते हैं। यह भी सच है कि दिल्ली की कानून व्यवस्था पिछले कुछ दिनों से बद से बदतर होती जा रही है और ऐसे आवारागर्द लड़कों पर नकेल नहीं कसने से उनका हौसला बुलंद होता जा रहा है।