अर्चना कुमारी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि वेबसाइट ‘न्यूजक्लिक’ और कांग्रेस ‘भारत विरोधी तंत्र’ से जुड़े हैं। उन्होंने यह टिप्पणी उन खबरों के हवाले से की, जिसके मुताबिक चीन की कंपनियां उक्त पोर्टल का वित्तपोषण कर रही थीं। न्यूयॉर्क टाइम्स में ‘अ ग्लोबल वेब ऑफ चाइनीज प्रोपगेंडा लीड्स टू अ यूएस टेक मुगल’ शीषर्क से छपी खबर में दावा किया गया है कि समाचार पोर्टल चाइनीस नेटवर्क का हिस्सा है, जिसे अमेरिकी करोड़पति नेविली रॉयं सिंघम से धन प्राप्त होता है। सिंघम के कथित तौर पर चीन सरकार के मीडिया प्रभाग से करीबी संबंध हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में रेखांकित किया गया, सिंघम‘ के नेटवर्क ने समाचार वेबसाइट न्यूजक्लिक का वित्तपोषण किया,
जिसने अपने कार्यक्रमों को चीन सरकार के मुद्दों से जोड़ा। भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के साथ संबोधित करते हुए ठाकुर ने कहा कि भारत दुनिया को बता रहा है कि न्यूज़क्लिक प्रोपगेंडा का खतरनाक वैिक नेटवर्क था। दो साल पहले प्रवर्तन निदेशालय ने न्यूजक्लिक के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई की थी। तब कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां समाचार पोर्टल के साथ खड़ी हुईं और सरकार के कदम पर सवाल उठाए एवं प्रेस की आजादी का मुद्दा उठाया। अखबार (न्यूयॉर्क टाइम्स) जिसके बारे में कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां बात करती हैं, उसने उस तथ्य की पुष्टि की है जो भारत दो साल पहले कह रहा था। 2021 में हमने न्यूजक्लिक की सच्चाई और इस तथ्य को उजागर किया था कि कैसे विदेशी ताकतें भारत के खिलाफ काम कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि तब कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां ‘भारत विरोधी, भारत तोड़ो अभियान’ के समर्थन में खड़ीं हुई थीं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने आरोप लगाया ,‘‘ कांग्रेस, चीन और न्यूजक्लिक एक भारत विरोधी तंत्र का हिस्सा हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘ चीन के सामान की बिक्री राहुल जी की फर्जी ‘मोहब्बत की दुकान’ पर हो रही है।’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप न्यूजक्लिक के वित्तपोषण नेटवर्क को देखें तो पाएंगे कि इसका वित्तपोषण विदेशी नेविली रॉय द्वारा किया गया और उसे यह राशि चीन से मिलती है। इस नेविली रॉयं का सीधा संबंध ‘चीनी कम्युनिस्ट पार्टी’ की दुष्प्रचार इकाई और चीन की मीडिया कंपनी ‘माकू ग्रुप’ से है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वे स्वतंत्र समाचार के नाम पर फर्जी खबरें गढते हैं। कांग्रेस और अन्य पार्टियां उनका समर्थन करती हैं।’’ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार में प्रकाशित उस खबर को उठाया ,जिसके मुताबिक न्यूजक्लिक का चीन की कंपनियों ने वित्तपोषण किया और उस राशि का इस्तेमाल भारत विरोधी माहौल बनाने के लिए किया गया था।
गौरतलब है कि पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ को मिली चीनी फंडिंग को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स ने खुलासा किया था। इस खुलासे के बाद सोमवार को लोकसभा में भी यह मुद्दा उठा। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ‘न्यूजक्लिक’ को देशद्रोही और टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा बताया। कॉन्ग्रेस को चीन से मिली फंडिंग की जाँच तथा कॉन्ग्रेस के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की माँग की। उन्होंने बताया कि न्यूयॉर्क टाइम्स में एक रिपोर्ट छपी है कि ‘न्यूजक्लिक’ संस्था को 38 करोड़ रुपए मिले हैं।
इस रिपोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने जो खुलासा किया था, वही बताया गया है। ‘न्यूजक्लिक’ देशद्रोही गैंग, टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा है। यह भारत को खण्डित करना चाहता है। पुरकायस्थ इसका मालिक है। उसको पैसे कहाँ-कहाँ से मिले, नक्सलियों को कैसे दिए गए, कैसे माओवादियों को दिए गए।उन्होंने यह भी कहा है, अभिसार शर्मा , रोहिणी सिंह और स्वाति चतुर्वेदी जैसे लोगों को केवल भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए चीन पैसा दे रहा है। 2005 से लेकर 2014 तक चीनी सरकार ने कॉन्ग्रेस को पैसा दिया, जिसका FCRA लाइसेंस भारत सरकार ने कैंसिल किया।
जब 2008 में ओलंपिक हुआ तो सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी को बुलाया गया। 2017 में जब डोकलाम में विवाद मचा हुआ था, तब ये लोग चीन से बातचीत कर रहे थे। तिब्बत के बाद ‘हिंदी चीनी भाई-भाई’ वाली नेहरू की जो नीति थी उस नीति को कॉन्ग्रेस निभाना चाहती है। ये भारत का विभाजन करना चाहते हैं।
निशिकांत दुबे ने आगे कहा है, कॉन्ग्रेस चीन के साथ मिलकर भारत को तहस नहस करना चाहती है। सोशल मीडिया के माध्यम से पत्रकारों के माध्यम से और चीन के माध्यम से देश में अलग तरह का माहौल बनाना चाहती है। मेरा भारत सरकार से आग्रह है कि कॉन्ग्रेस को चीन से जितनी भी फंडिंग मिली है उसकी जाँच होनी चाहिए और इसमें जितने भी लोग शामिल हैं उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाए। बताया जाता है कि गैर-लाभकारी संगठनों और शैल कंपनियों की आड़ में नेविल रॉय सिंघम चीन के सरकारी मीडिया के साथ मिलकर काम करता है और चीन के प्रोपेगेंडा को दुनिया भर में फैलाने के लिए फंडिंग कर रहा है।
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने लेख में कहा है कि नेविल रॉय सिंघम भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में प्रगतिशील होने की वकालत करने के बहाने चीनी सरकार के मुद्दों को लोगों के बीच फैलाने में कामयाब रहा है।
नेविल रॉय सिंघम के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मजबूत संबंध हैं। वह चीन की ‘स्मोक लेस’ वार नीति को सफल बनाने में सबसे आगे रहा है। ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपने लेख में यह भी कहा है, “चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने शासन काल में सरकारी मीडिया तंत्र का तेजी विस्तार किया है।
इसके लिए चीन ने विदेशी मीडिया संस्थानों के साथ मिलकर वहाँ के प्रभावशाली लोगों को अपने प्रचार तंत्र में शामिल किया है। इसका उद्देश्य मुख्य रूप से चीनी प्रोपेगेंडा को स्वतंत्र मीडिया सामग्री के रूप में दिखाना है।
कॉर्पोरेट फाइलिंग से भी पता चलता है कि नेविल रॉय सिंघम के नेटवर्क ने प्रोपेगेंडा पोर्टल न्यूज़क्लिक को फंडिंग की थी। इसके तहत न्यूजक्लिक ने अपनी कवरेज को चीनी सरकार के मुद्दों से जोड़ते हुए एक वीडियो में कहा था, चीन का इतिहास श्रमिक वर्गों को प्रेरित करता रहा है।केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, इस गठबंधन के नेता और इसके पोषित समर्थित लोग कभी भारत का हित नहीं सोच सकते. भारत कैसे कमजोर हो, कैसे भारत के हित को नुकसान पहुंचाया जाए और कैसे भारत विरोधी एजेंडे को हवा, खाद, पानी दिया जाए, ये सारी चिंता इससे जुड़े लोग करते हैं ।
अपने बचाव में न्यूज़क्लिक के मालिक प्रबीर पुरकायस्थ का कहना है कि न्यूज़क्लिक स्वतंत्र समाचार संस्था है, और ऐसा कोई भी आरोप कि हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी या अन्य हितों के मुखपत्र के रूप में कार्य करते हैं, ग़लत और बेबुनियाद है। हम एक बार फिर भारतीय न्यायालयों में अपना विश्वास दोहराते हैं, और आश्वस्त हैं कि न्यूज़क्लिक भारतीय क़ानून के अनुसार कार्य करता रहा है और करता रहेगा।