मैं यति नरसिंहानंद गिरी अब अपना बचा हुआ जीवन केवल माँ और महादेव का यज्ञ करते हुए और योगेश्वर श्रीकृष्ण जी के सिद्धांतों का प्रचार करते हुए बिताना चाहता हूँ।आज 9 नवम्बर 2022 से धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र से मैं अपने जीवन के इस अंतिम अध्याय को आरम्भ करूँगा।
माँ और महादेव मेरे सम्मान की रक्षा करें और अपने धर्म के लिये सर्वोच्च बलिदान देने का सौभाग्य प्रदान करें।
सच्चे धार्मिक कार्य करते हुए धर्म का प्रचार करना भी धर्मयुद्ध ही है।माँ और महादेव सनातन के मानने वालों को मेरा साथ देने का साहस,धैर्य और सद्बुद्धि प्रदान करें।