आईएसडी नेटवर्क। श्रावण का पांचवा सोमवार होने के कारण वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में सर्वे देर से शुरु हुआ। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) टीम सुबह लगभग 11 बजे परिसर में पहुंची और काम शुरु किया गया। चौथे दिन टीम ने बहुत सी जानकारियां जुटाई हैं। शाम को ये जानकारी आई कि हिन्दू पक्ष सर्वे की प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है और सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है। इसके अलावा मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाए जाने और निचली अदालत का फैसला आने तक परिसर को सील किए जाने और हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित किए जाने की गुहार लगाई है।
रविवार के सर्वे में टीम को ऐसे कई साक्ष्य मिले, जिनसे इस परिसर के मंदिर होने के संकेत मिल रहे हैं। रविवार को सर्वे में दक्षिणी गुंबद भी शिखर जैसे ढांचे पर फूल, पत्ती आदि हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीक चिह्न उकेरे हुए मिले। टीम ने इन आकृतियों की बनावट देखी और उनके आकार को लेकर जानकारियां एकत्रित की। इन शंकुकार शिखरों का उल्लेख एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की रिपोर्ट में भी है। मंदिर पक्ष इसे प्राचीन आदि विश्वेश्वर मंदिर का शिखर बताता है।
वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि सर्वे टीम व्यास जी के कमरे में विश्वनाथ मंदिर की तरफ खुलने वाले दरवाजे से अंदर गई। सोमवार को यहाँ से मलबा हटाने का काम किया गया। इस कमरे में कई ऐसे अवशेष मिले, जो मंदिर प्रतीत हो रहे हैं। यहाँ मिले स्तंभों पर उकेरी गई आकृतियों का अच्छी तरह अध्ययन किया जा रहा है।’ एक स्तंभ पर सात पंक्तियाँ उकेरी हुई मिली है, इसका भी अध्ययन किया जा रहा है। कमरे के फर्श पर कुछ पत्थर भी हैं, जिन पर कमल के फूल, पंखुड़ी और स्वस्तिक जैसे चिह्न हैं। पुरातत्ववेत्ताओं ने प्रत्येक आकृति की बारीकी से जांच की, विशेष रूप से उनकी बनावट की। उनके बारे में नोट भी बनाया।
हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा ‘कल वो लोग गुंबद पर गए थे जो आज भी जारी रहा। गुंबद के ऊपर सीढ़ियां हैं, कलश रखे हैं। पश्चिमी द्वार पर मशीन लगाकर लेखाजोखा कागज पर तैयार कर रहे हैं। टीम मेहनत से काम कर रही है कुछ भी नहीं छिपेगा। मसाजिद कमेटी सहयोग कर रही है। हर जगह मशीन लगाकर काम हो रहा है। सारे साक्ष्य रिपोर्ट से मिलेंगे।’
ज्ञानवापी सर्वेक्षण में हिन्दू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा ‘यह एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण है और यह एक अधिवक्ता आयोग के सर्वेक्षण से अलग है। यह सोचना गलत है कि हर दिन कुछ नया मिलेगा क्योंकि संरचना और वास्तुकला का विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन हो रहा है। जब ASI रिपोर्ट आएगी, तब हमें निष्कर्ष पता चलेगा। ASI की रिपोर्ट में सब कुछ आ जाएगा। पूरे परिसर का सर्वे हो रहा है।’
रविवार को सोशल मीडिया में बहुत सी फर्जी जानकारियां शेयर की गई थी। इसे लेकर सर्वे टीम ने संयम बरतने की सलाह दी है। टीम से जुड़े लोगों ने अधिकारियों से सर्वे की गोपनीयता बनाए रखने की मांग की है। शाम को चौथे दिन का सर्वे ख़त्म होने के बाद हिन्दू पक्ष की याचिकाकर्ता ने कहा था कि वे लोग सर्वे से संतुष्ट हैं लेकिन रात होते-होते ‘एबीपी न्यूज़’ के हवाले से खबर आई कि हिंदू पक्ष एएसआई (ASI) के सर्वे प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है।
खबर में कहा गया है कि एसआई सर्वे की टीम के कामकाज से हिंदू पक्ष खुश नहीं है। इतना ही नहीं हिंदू पक्ष खुदाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। हिंदू पक्ष का दावा है कि बिना खुदाई किए कुदाल, फावड़ा, गैती और हथौडा का उपयोग किये बिना सर्वे सही नतीजे पर नहीं पहुंच सकेगा। जबकि इस मामले में एएसआई (ASI) के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. आलोक त्रिपाठी हाई कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा है कि खुदाई किये बिना ही उच्च तकनीक के माध्यम से सर्वे परिसर को बिना क्षति पहुंचाए करेंगे।
जबकि जिला कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आवश्यकतानुसार ढांचे को बिना क्षति पहुंचाये यदि आवश्यक है तो खुदाई की जा सकती है। ज्ञानवापी परिसर को सील करने और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कल मंगलवार 8 अगस्त को सुनवाई होगी।