अर्चना कुमारी। महरौली में अतिक्रमण के खिलाफ डीडीए का अतिक्रमण अभियान जारी रहा। यहां रह रहे लोगों के आशियाने को तोड़ दिए गए, जिससे नाराज होकर लोगों ने हंगामा किया और पुलिस बलों पर मिर्ची पाउडर फेंके। प्रदर्शनकारियों ने सरकार और डीडीए के खिलाफ जमकर नारेबाजी और नारे लगाए। इन लोगों का कहना था ‘डीडीए हाय-हाय’, ‘तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी लेकिन इसका कोई असर डीडीए के बुलडोजर पर नहीं पड़ा ।
बताया जाता है कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर डीडीए कार्रवाई कर रही है जबकि दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगन आदेश के बावजूद महरौली में अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर डीडीए की खिंचाई की है। सूत्रों का दावा है कि उग्र प्रदर्शनकारियों ने धरना स्थल पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर लाल मिर्च पाउडर फेंके लेकिन इस बारे में दक्षिणी जिला पुलिस का कहना है किसी भी प्रदर्शनकारी पर लाठीचार्ज नहीं किया और इसमें कोई भी घायल नहीं हुआ लेकिन सरकारी काम में बाधा डालने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के महरौली में पुरातत्व विभाग की जमीन पर से अतिक्रमण हटाने की कवायद शुरू की गई थी और डीडीए के अधिकारियों ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अतिक्रण हटाया। बताया जाता है कि इस दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस बल पर पथराव किया। इस मौके पर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती सुनिश्चित की गई थी ।
डीडीए के अधिकारियों के मुताबिक मकानों में रहने वाले सभी लोगों को पूर्व में ही नोटिस दे दिया गया था और नोटिस अवधि पूरी होने के बाद डीडीए की टीम दलबल के साथ कालोनी पहुंची, जहां बुलडोजर की मदद से इमारत को ध्वस्त किया गया।
बताया जाता है कि डीडीए की कार्रवाई शुरू होते ही इन फ्लैटों में रहने वाले लोगों के अलावा आसपास के लोग विरोध पर उतर आए लेकिन सभी को खदेड़ दिया गया। दावा किया गया है कि जिस जमीन पर यह इमारत बनी है, वह पुरातत्व विभाग के पार्क का एक भाग है। इसे खाली कराने के लिए पहले ही हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे लेकिन मामले में राजनीति होने की वजह से हाईकोर्ट के फैसले पर अमल नहीं हो पा रहा था लेकिन उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना सहमति मिलने के बाद डीडीए ने यहां पर बसे सभी लोगों को नोटिस थमाना शुरू किया और जब यहां रहने वाले लोग अपना मकान खाली नहीं किया तब डीडीए का बुलडोजर पहुंच कर अतिक्रमण अभियान शुरू कर दिया।
डीडीए के अधिकारियों ने बताया कि घुसिया कॉलोनी में करीब 250 मकान टूटने है और आने वाले समय में इन सभी मकानों के टूटने तक कार्रवाई जारी रहेगी। गौरतलब है कि
राजस्व विभाग द्वारा अनधिकृत और अवैध अतिक्रमण या निर्माण की सीमा की पहचान कर दिसंबर, 2021 में डीडीए और वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में आया हाईकोर्ट के आदेश अनुसार अतिक्रमण को हटाया गया है। बयान में बताया गया है कि अतिक्रमण हटाने से पहले 12 दिसंबर, 2022 को एक विध्वंस आदेश, 10 दिनों के अंदर विवादित भूमि से सभी अनधिकृत निर्माण को हटाने के निर्देश के साथ चिह्नित करने के साथ भूमि पर मौजूद अतिक्रमणों पर चिपकाया गया था।
विध्वंस आदेश में शामिल भूमि सराय गांव की सरकारी / डीडीए की जमीन है और महरौली पुरातत्व पार्क का हिस्सा बताया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कई मौकों पर सरकारी अधिकारियों को अवैध अतिक्रमण हटाकर महरौली पुरातत्व पार्क के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र को सुरक्षित, संरक्षित करने का निर्देश दिया है।
इसी के तहत विभाग शासकीय जमीन पर बने से अनाधिकृत और अवैध अतिक्रमण हटाने तथा महरौली पुरातत्व उद्यान को अतिक्रमण से सुरक्षित करने की कार्रवाई कर रहा है। कहा गया है कि प्रतिष्ठित कुतुब मीनार से सटे इस पार्क में एएसआई, जीएनसीटीडी के राज्य पुरातत्व विभाग और डीडीए के संरक्षण में लगभग 55 स्मारकें हैं और इनको संरक्षित किया जा रहा है।