भारत सरकार ने चीन के डिजिटल वर्चस्व पर एक और कड़ प्रहार किया है. PUBG सहित 118 चीनी एप्स पर सरकार ने बैन लगा दिया है.
भारत-चीना सीमा विवाद के बीच यह निर्णय लिया गया है. इससे पहले भी सरकार कमसकम दो बार चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा चुकी है. गलवान मुठ्भेड़ के बाद भारत ने 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाया था. फिर इसके कुछ समय बाद ही कुछ और चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया जिनमे पहले प्रतिबंधित एप्स की क्लोंड एप्स भी शामिल थीं.
यह ताज़ा बैन चीन के लिये बहुत बड़ा झटका है क्योंकि भारत ने एक झटके में 100 से भी अधिक चीनी एप्स को एकसाथ प्रतिबंधित कर दिया. गलवान मुठ्भेड़ के बाद चीनी एप्स को बैन करने की मुहिम पहले भारत ने ही छेड़ी थी जिसके चलते अमरीका ने भी टिक टांक जैसे चीनी एप को प्रतिबंधित कर दिया.
इस बार तो चीन कुछ आवश्यकता से अधिक ही बौखला गया है. चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि मोबाइल एप्स पर भारत का प्रतिबंध चीनी निवेशकों और सेवा प्रदाताओं के कानूनी हितों का उल्लंघन करता है. अब यह तो हास्यस्पद ही है कि जिस देश ने फेसबुक, गूगल, वांट्स एप जैसी साइट्स को अपने यहां न जाने कब से ब्लांक कर रखा है, प्रतिबंधित कर रखा है, वह भारत के अपनी एप्स बैन करने पर कानूनी हितो की दुहाई दे रहा है.
चीन के लिये यह आर्थिक और व्यावसायिक रूप से बड़ा झटका है क्योंकि भारत उसकी मोबाइल एप्स के लिये एक बहुत बड़ा बाज़ार है. टिक टांक जैसी एप्स जो कि पिछले वर्ष तक भारतीयों के बीच दीवानगी की हद तक पांपुलर थीं, अब वे भारत से हट चुकी हैं उर पूरी दुनिया में उनका वजूद खतरे में पड़ चुका है.
चीन अब बुरी तरह फंस चुका है. क्योंकि भारत के इतनी सारी चीनी एप्स को बैन करने की बात को लेकर वह अंतराष्ट्रीय समुदाय के सामने भी रोना पीटना नहीं कर सकता. क्योंकि वन बेल्ट वन रोड योजना से लेकर ताइवान के मुद्दे से लेकर हाँग कांग का मुद्दा, चीन जो कुछ भी करता है, उसका अन्तराष्ट्रीय कानून के प्रावधानों से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है.