अर्चना कुमारी। देश के महानतम योद्धाओं में से एक शिवाजी महाराज का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अपमानित किया गया। इस मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और वामपंथी छात्र संगठनों के बीच तन गई है और दोनों छात्र संघ ने एक दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि वामपंथी संगठन से जुड़े छात्रों ने शिवाजी महाराज को अपमानित किया है, इन लोगों ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा को उठाकर फेंक दिया तथा उनकी माला को कूड़े में रख दिया। इस तरह की घटना से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है और बताया जाता है कि आए दिन यहां पर इस तरह की घटनाएं होती रहती है जब देश विरोधी ताकते कानून व्यवस्था को चुनौती देते नजर आते हैं।
JNU में माहौल खराब करने की एक बार फिर कोशिश हुई है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया है कि लेफ्ट विंग ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अपमान किया है। वहीं जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से इस बवाल की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आई हैं, जिसमें वीर शिवाजी की तस्वीर फर्श पर नीचे गिरी दिखाई दे रही है।
आरोप के मुताबिक शिवाजी महाराज की फोटो से माला भी हटाई गई है। इस दौरान लेफ्ट विंग की तरफ से तोड़-फोड़ भी की गई। इस घटना से जुड़े कई एबीवीपी की तरफ से ट्वीट किए गए ।कैंपस में बवाल के बाद पुलिस ने दोनों छात्र संगठनों को समझा बुझाकर शांत करा दिया। छत्रपति शिवाजी के अपमान को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और वामपंथी छात्र आमने-सामने आ गए।
एबीवीपी ने वामपंथी संगठनों पर हाथापाई का आरोप लगाया । इस तरह की घटना हैदराबाद में हुआ जहां पर हैदाराबाद के कर्माणघाट इलाके में बीजेपी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्कामुक्की हुई।बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता हैदराबाद शहर में छत्रपति शिवाजी जयंती मना रहे हैं, शहर में शोभा यात्रा, बाइक रैली निकाली गई।
छत्रपति शिवाजी जयंती के अवसर पर कर्माणघाट हनुमान मंदिर से लेकर बडंगपेट तक शोभा यात्रा और बाइक रैली निकाली गई, मगर अचानक तनाव में बदल गया। बीजेपी ने बाइक रैली की इजाजत ली थी, मगर बडंगपेट बॉटल गुट्टा के चोटी पर भगवा रंग का झंडा फहराना चाहते थे, जिसके लिए पुलिस से इजाजत नहीं ली गई थी।
पुलिस ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं को रोकने पर पुलिस के साथ काफी धक्कामुक्की करने लगे, तनाव का माहौल बन गया था। बिना इजाजत पुलिस ने पहाड़ी के चोटी पर भगवा रंग का झंडा फहराने से उन्हें रोका।