अर्चना कुमारी : इजराइल दूतावास के पास हुए धमाके ने कांग्रेस सरकार की याद दिला दी। कांग्रेस की सरकार में अक्सर इस तरह के धमाके होते रहते थे। शाहीन बाग से लेकर दिल्ली दंगे और लाल किला हिंसा के बाद मोदी सरकार में भी राजधानी की कानून व्यवस्था लुंज पुंज हुई है ।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि शुक्रवार को हुए धमाके में ईरानी कनेक्शन सामने आया है और कहा गया है कि यह धमाका तो महज ट्रेलर है।
धमाके में अमोनियम नाइट्रेट होने की आशंका है लेकिन अभी फॉरेंसिक रिपोर्ट नहीं मिली है। अति सुरक्षित माने जाने वाली राजधानी दिल्ली के एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर शुक्रवार शाम हुए ब्लास्ट के मामले में जांच के लिए इजराइल की खुफिया एजेंसी भी दिल्ली पहुंच रही है ।
इस बीच सूत्रों का दावा है कि दिल्ली पुलिस को मौके से मिले एक पत्र से इरानी कनेक्शन का खुलासा हुआ है।
इसके अलावा घटनास्थल के समीप मिले सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से खुलासा हुआ है कि कैब से आये दो युवकों ने यहां पर बम रखा था और जांच में जुटी पुलिस टीम ने कैब चालक से पूछताछ कर आरोपियों की तलाश में जुटी है ।
सूत्रों का दावा है कि मौके से एक पत्र मिला, जो इजराइल के एंबेसडर को लिखा गया था। आशंका है कि लोकल स्लीपर सेल के जरिए यह धमकी दिलवाई गई जबकि पत्र में दो इरानी शहीदों के नाम लिखे गए हैं ।
इसमें कासिम सुलेमानी का नाम है, जो ईरान का पावरफुल जनरल था और जनवरी 2020 में अमेरिका ने ड्रोन स्ट्राइक में उसे मार दिया गया था। दूसरा नाम मोहसिन फखरिज़्देह का है जो इरान का टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट था और पिछले साल नवंबर में उसकी हत्या कर दी गई थी।
इस पत्र में मिली धमकी के बाद इजरायल दूतावास की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया है। जांच में जुटी पुलिस छानबीन करते हुए इस रोड पर लगे हुए सभी कैमरों की सीसीटीवी फुटेज निकाली हैं और इसमें देखा है कि कैब में दो युवक सवार होकर वहां पर आए थे।
घटनास्थल से कुछ दूरी पर वह उतर गए थे। इसके बाद वह पैदल उस जगह पहुंचे और बम को रखकर चले गए। दोनों युवक के स्थानीय होने की आशंका व्यक्त की गई है और दोनों मुस्लिम चरमपंथी हो सकते हैं।
ऐसा नहीं है कि इजराइली दूतावास को कोई पहली बार निशाना बनाया गया है पहले करीब 9 साल पहले भी एक इजरायली ऑफिसर पर हमला किया गया था।
साल 2012 में भी इजराइली दूतावास की गाड़ी में स्टिकी बम लगाकर ब्लास्ट किया गया था और यह बम चाणक्यपुरी इलाके में जोरदार धमाके के साथ कार में फटा था। इस मामले में स्पेशल सेल ने एक पत्रकार को गिरफ्तार भी किया था जो बाद में अदालत से बरी हो चुका है।