अर्चना कुमारी। कमलेश तिवारी की तरह यति नरसिंहानंद की हत्या की साजिश रची गई थी। डासना स्थित शिव शक्ति देवी मंदिर के प्रमुख महंत नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के लिए सुपारी पड़ोसी देश पाकिस्तान से दी गई । दिल्ली पुलिस का दावा है कि हत्या की यह सुपारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने दी थी। लेकिन दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस सारे मामले से पर्दा हटाते हुए एक आरोपी को धर दबोचा ।
पकड़े गए आरोपी की पहचान जान मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर के रूप में हुई है, जबकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि वह साधु का भेष बनाकर नरसिंहानंद की हत्या को अंजाम देने वाला था। स्पेशल सेल ने उसके पास से हथियार के अलावा भगवा ड्रेस, कलावा, मैगजीन, पिस्तौल तथा धोती आदि बरामद किया गया है।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि डासना स्थित महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कुछ दिन पहले मंदिर प्रांगण में पानी पी रहे एक मुस्लिम बच्चे की पिटाई का समर्थन किया था। इस घटना के बाद प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बयान दिया था, जिसे लेकर उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी और वह मुस्लिम चरमपंथियों के निशाने पर आ गए थे।
देशभर के मुसलमान उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कमेंट कर रहे थे जबकि कई मुस्लिम चरमपंथियों ने उनका सिर कलम करने का फरमान सुनाया था , जिसका उन्होंने पुरजोर विरोध किया था। बताया जाता है कि ऐसे में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के लिए साजिश रची और इसके लिए सुपारी दी।
स्पेशल सेल का कहना है कि खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर यह पता लगाया कि इस हत्याकांड के लिए जम्मू कश्मीर के पुलवामा निवासी जान मोहम्मद को सुपारी दी गई । इसके बाद पुलिस टीम ने दिल्ली के पहाड़गंज स्थित एक होटल पर छापा मारकर आरोपी जान मोहम्मद डार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि उसके पास से एक पिस्तौल, दो मैगजीन, 15 कारतूस, भगवा रंग का कुर्ता एवं साधुओं द्वारा पहने जाने वाले कुछ अन्य सामान बरामद हुए हैं।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि जान मोहम्मद डार 2016 में सेना पर पथराव के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। उस समय आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद सेना पर पथराव करने में वह शामिल था। उसने पुलिस को बताया है कि जम्मू कश्मीर में उसकी मुलाकात पिछले साल दिसंबर महीने में आतंकी आबिद से हुई थी। हार्डकोर आतंकी आबिद ने ही उसको इस हत्या का टास्क दिया था।
इससे पहले फरवरी महीने में भी अपने भतीजे का इलाज कराने के लिए वह दिल्ली आया था। यहां आकर वह जामा मस्जिद के बशीर गेस्ट हाउस में ठहरा था। यहां से लौटने के बाद उसने आबिद को दिल्ली की जानकारी दी, जिसके बाद उसने स्वामी नरसिंहानंद की हत्या की सुपारी दी। दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसे कश्मीर में ही हथियार चलाना सिखाया गया।
उसे 6500 रुपये नकद और 35,000 रुपये उसके बैंक खाते में भेजे गये थे। जामा मस्जिद में उसने उमर से हथियार लिया। इसके बाद वह पहाड़गंज चला गया था। जान मोहम्मद पुलवामा का रहने वाला है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पहाड़गंज के शिवा होटल से की है। वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है और बढ़ई का काम करता है।
दिल्ली पुलिस की कोशिश है कि इस साजिश में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए । इसके लिए पुलिस सतत प्रयत्नशील है और दिल्ली पुलिस ने यति नरसिंहानंद की सुरक्षा बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिया है।